स्पेशल सेल की सिफारिश पर मुख्यमंत्री की सुरक्षा में होगा बदलाव, बुलेटप्रूफ जैकेट से लैस होंगे जवान

भोपल: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सिक्टोरिटी में शामिल जवानों का लुक बदला हुआ नजर आएगा। सीएम की सुरक्षा में तैनात जवान अब बुलेटप्रूफ जैकेट में नजर आएंगे। सीएम सिक्योरिटी में शामिल जवान सीएपीएफ (सेंट्रल आर्मड पुलिस फोर्स) की तर्ज पर बुलटप्रूफ जैकट का इस्तेमाल करेंगे। स्पेशल सेल की सिफारिश में मुख्यमंत्री की सुरक्षा में बदलाव किया जाएगा। पीएचक्यू 150 बीआईएस लेवल-5 प्रोटोकाल के तहत 150 बुलटप्रूफ जैकेट खरीदने की तैयारी कर रहा है।
दरअसल, स्पेशल सेल के पास प्रतिनिधियों की सिक्योरिटी का भी जिम्मा है। स्पेशल सेल ने सीएम की सुरक्षा में लगे जवानों के लिए बुलेटप्रूफ जैकेट का सुझाव दिया है। इसके पीछे की वजह है कि अगले साल विधानसभा चुनाव है। मुख्यमंत्री के प्रदेश के सभी जिलों में दौरें होंगे। इन दौरों में बालाघाट, डिंडोरी और मंडला के भी अतिसंवेदनशील क्षेत्र आते हैं। इस लिहाज से स्पेशल सेल ने सिफारिश की है। वहीं एनआईए और एटीएस के इनपुट के बाद ही मुख्यमंत्री की सुरक्षा में हाकफोर्स को भी शामिल किया गया था। यह बदलाव में संदिग्ध गतिविधि और आतंकी संगठनों से जुड़े लोगों के सक्रिय होने के बाद किया गया था। स्पेशल सेल के अधिकारियों ने बताया कि सीएम की सुरक्षा के जुड़े मामलों पर रिव्यू किया गया है। इंटेलिजेंस, एटीएस और गृह विभाग के अधिकारियों ने फैसला किया है कि भोपाल में जेएमबी, पीएफआई एक्टिव रहा। ऐसे में सीएम को भी टारगेट करने की तैयारी थी लेकिन गनीमन रही कि कोई घटना नहीं हुई। हालांकि सीएम के काफिले में शामिल बुलटप्रूफ गाड़ियां है। सीएम को गार्ड करने वाले जवानों की सुरक्षा के लिए बुलटप्रूफ जैकेट जरूरी है। इसलिए बुलटप्रूफ जैकेट की खरीदी में सीएम सिक्योरिटी में शामिल जवानों को भी दिया जाएगा।
सीआईडी, एटीएस और हाकफोर्स को भी मिलेगी जैकेट
अधिकारियों ने बताया कि सीआईडी, एटीएस और हाकफोर्स के लिए 150 बुलटप्रूफ जैकेट खरीदी जा रहा है। इसके लिए 70 करोड़ रुपए खर्च होंगे। वहीं बुलटप्रूफ हेलमेट भी खरीदा जा रहा है। इसके अलावा जैकेट की गुणवत्ता को ध्यान में रखते हुए एमएचए की गाइडलाइन का पालन कराया जाएगा। साथ ही सरकारी जांच एजेंसी में बुलटप्रूफ जैकेट और हेलमेट की टेस्टिंग कराने के बाद भी खरीदी की जाएगी।
वाई कैटेगरी की सुरक्षा का प्रोटोकाल
सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री के पास वाई कैटेगरी का सुरक्षा प्रोटोकाल लागू होता है। इसमें दो दर्जन से ज्यादा जवान होते हैं। सीएम की सिक्योरिटी में वही जवान शामिल होते हैं, जिन्हें कमांडों ट्रेनिंग मिली हो। हालांकि इसमें सीएम के दौरे और कार्यक्रम के अनुसार बदलाव किए जाते हैं। सीएम के भीड़भाड़ वाले इलाके में कार्यक्रम से पहले बीडीएस और इंटेलिजेंस की टीम भी जुट जाती है। इसके बाद भी मुख्यमंत्री का दौरा होता है। यदि कार्यक्रम स्थल पर संदिग्ध गतिविधि की आशंका होती है तो ऐसी स्थिति में पुलिस बल के दो चक्र में सीएम का सिक्योरिटी गार्ड के साथ मूवमेंट होता है।
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