मेडिकल छात्रों से प्रवेश के नाम पर करोड़ों की ठगी, एसटीएफ के हत्थे चढ़े दो जालसाज

भोपाल। मेडिकल कॉलेजों व इंजीनियरिंग कॉलेजों में छात्रों को प्रवेश दिलाने के नाम पर उनसे बड़ी ठगी की गई है। स्पेशल टास्क फोर्स की टीम ने पिछले दिनों इस अंतरराज्यीय गिरोह के दो सरगना दबोचे थे। जबकि इस गिरोह के दो और शातिर सरगना गिरफ्तार किए जाने की जानकारी शनिवार को एसटीएफ की ओर से दी गई है। एसटीएफ एसपी नवीन चौधरी ने हरिभूमि को बताया कि इस गैंग के अब तक चार आरोपी गिरफ्तार हो गए हैं। यह गैंग बड़ा है।
एसटीएफ के आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक देश के 14 बड़े मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश दिलाने के नाम पर छात्रों से ठगी करने वाले इस अंतरराज्यीय गिरोह के मुख्य सरगना को भोपाल एसटीएफ ने बिहार से गिरफ्तार कर लिया है। एसटीएफ ने उसके साथी को भी गिरफ्तार किया है। इन लोगों ने छात्रों से ठगी करने के लिए कर्नाटक एजुकेशन कंसल्टेंसी, कर्तविती सर्विसेज नाम से फर्म खोल रखा था। एसटीएफ के पास अब तक देश के 34 छात्र इस बारे में शिकायत कर चुके हैं। इसमें मध्य प्रदेश के 15 छात्र बताए जाते हैं।
एसटीएफ अधिकारियों का कहना है कि 200 से अधिक छात्रों से गिरोह ने ठगी की है। अधिकतर छात्र शिकायत करने सामने नहीं आ रहे। गिरोह एमसीआई, सेंट्रल पूल कोटे से प्रवेश दिलाने का झांसा देता था। सौदा तय होने के बाद छात्रों को दिल्ली बुलाकर उनसे एमसीआई, सेंट्रल पूल कोटे का फर्जी फार्म भरवाते थे। इसके बाद एमसीआई का फर्जी मैसेज भेज छात्र को बताते थे तुम्हारा प्रवेश हो गया है।
इनको किया गिरफ्तार :
डीएसपी एसटीएफ केतन अडलक ने प्रेस वार्ता में शनिवार को बताया कि उर्जा नगर दानापुर बिहार का रहने वाला कृष्णकांत शर्मा उर्फ केके व इस अपराध में उसका सहयोग करने वाला अजीत प्रताप सिंह निवासी आगरा को गिरफ्तार किया है। केके इस गिरोह का सरगना बताया है। साथ ही इस केके का पूर्व आपराधिक रिकार्ड भी बताया जाता है। यह भी पता चला है कि यह कर्नाटक में केके गौड़ा बनकर जालसाजी करता था।
ये दो पहले पकड़े थे :
एसटीएफ अधिकारियों ने बताया कि इससे पहले इसी गिरोह के सदस्य संदीप करवरिया और दीपक कुमार को गिरफ्तार किया था। इन दोनों ने पूछताछ में कृष्ण कांत का नाम सामने आया था। तब से ही एसटीएफ इसकी तलाश कर रही थी।
1.60 करोड़ कमीशन लेकर कराए प्रवेश :
एसटीएफ की जांच में स्पष्ट हुआ है कि सरगना केके ने मेडिकल यूजी, पीजी कोर्सों में एक छात्र से डेढ-डेढ़ करोड़ रुपए तक कमीशन लेकर मैनेजमेंट कोटे से प्रवेश कराए हैं। ऐसे 15 छात्र कमीशन देकर प्रवेश पा चुके हैं। इनमें लता मंगेशकर मेडिकल कॉलेज नागपुर, किम्स मेडिकल कालेज बेंगलुरू, दत्तामेघे मेडिकल कालेज नागपुर, समेत अन्य मेडिकल कालेज शामिल हैं। जिन्होंने आरोपी केके के कहने पर प्रवेश दिया है। एसटीएफ इन कालेजों के पदाधिकारियों से पूछताछ करेगी।
वेबसाइट से खरीदा छात्रों का डाटा :
- एसटीएफ डीएसपी ने बताया कि गिरोह का सरगना केके छात्रों की डिटेल रखने वाली वेबसाइट से डाटा खरीदता है।
- इसके बाद गिरोह के सदस्य छात्रों से दाखिला कराने के लिए संपर्क करते हैं। गिरोह छात्रों से संपर्क करने के लिए दिल्ली में काल सेंटर खोल रखा था।
- ये लोग वर्ष 2013 से इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेजों में दाखिला दिलाने के नाम पर ठगी कर रहे हैं।
- अब तक मप्र, उप्र, महाराष्ट्र, बिहार, कर्नाटक, झारखंड और दिल्ली के उम्मीदवारों को ठगा है।
- छात्रों को झांसे में लेने के लिए वे मेडिकल काउंसिल आफ इंडिया के नाम से बल्क मैसेज भेजते थे।
रीवा के प्रतीक से लिए थे 36 लाख रुपए :
- एसटीएफ ने कार्रवाई रीवा के विवेक मिश्रा की शिकायत पर की है। नीट एग्जाम दे चुके विवेक के बेटे प्रतीक को संदीप ने कॅरियर गाइड बनकर कॉल किया था।
- उसने भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज में प्रतीक का दाखिला दिलाने के नाम पर विवेक से 36 लाख, जिसमें 32 लाख कैश रुपए लिए थे।
- इस मामले में ठगों का दावा था कि एमसीआई के सेंट्रल पूल कोटे से प्रतीक का दाखिला करवा देंगे, लेकिन एडमिशन नहीं हुआ।
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