मुख्यमंत्री ने भी ब्यूरोक्रेसी पर कसा तंज, कहा- मंत्रालय में बैठ जाओ, तो रंगीन पिक्चर खींच दी जाती है...

भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री उमाभारती के बाद अब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी ब्यूरोक्रेसी पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि यदि मंत्रालय में बैठ जाओ तो वहां रंगीन पिक्चर खींच दी जाती है। जैसे सब जगह आनंद ही आनंद है, पर फील्ड में जाओ, तो जनता से मिलकर पता चलता है कि आनन्द कहां तक पहुंचा है..?
मुख्यमंत्री बुधवार को मिंटो हाल में वाणिज्य उत्सव-2021 में मप्र इंडियाज़ इमर्जिंग एक्सपोर्ट टाइगर कॉन्क्लेव में बोल रहे थे। मुख्यमंत्री जब बोल रहे थे तो ठीक सामने मंच पर उद्योग विभाग के प्रमुख सचिव संजय शुक्ला भी बैठे थे। हालांकि उन्होंने शुक्ला की तरफ इशारा करते हुए कहा कि आपके बारे में नहीं बोल रहा हूं। उन्होंने इशारों में भी काफी कुछ कहा। उन्होंने कहा कि नीचे के अफसरों को काम के बारे में बता रहा हूं। पर यह भी सच है कि मुख्यमंत्री जिस पर फोकस कर में, बस वहीं विकास के कार्य में तेजी आती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब तो वे इसे समझ चुके हैं। बल्लभ भवन में बैठकर कुछ नहीं होगा। वे अब खुद आम जनता के लिए अब फिल्ड में निकल चुके है। राजनेताओं को गुमान होता है, सब कुछ वही हैं : मुख्यमंत्री चौहान इतने पर भी नहीं रूके। उन्होंने यह तक कहा कि राजनेताओं को तो गुमान हो जाता है कि सब कुछ वही कर रहे हैं। उनसे ज्यादा कोई बुद्धिमान नहीं है। पर ऐसा नहीं है। मैं इसे नहीं मानता। मंच पर इस दौरान केंद्रीय राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते, उद्योग मंत्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव, ओमप्रकाश सकलेचा के साथ विदेश और देशभर से आए कई उद्योगपति भी मौजूद थे। सभी मुख्यमंत्री की तरफ देख रहे थे। अब हम फिर से प्रगति के पथ पर निकल चुके हैं: मुख्यमंत्री ने कोरोना संक्रमण के दौर में मप्र को हुए नुकसान के बारे में कहा कि कोरोना ने उद्योगपतियों से मिलने तक नहीं दिया था। अब हम फिर से प्रगति की तरफ निकल पड़े हैं। मैं खुद अतिथि नहीं, मैं मेजबान हूं। कोई अकेला मुख्यमंत्री किसी प्रदेश की तरक्की, प्रगति नहीं कर सकता। इसके लिए जनभागीदारी जरूरी है। सभी को मिलकर मप्र की इबारत लिखना है। जनभागीदारी से हमने कोरोना पर नियंत्रण किया है। अंतर्राष्ट्रीय मार्केट सर्वे और वहां की मांग पर होगा ध्यान: चौहान ने कहा कि मप्र लैंडलाक्ड स्टेट है, पर हमारे प्रदेश में विविधता बहुत है। स्थानीय स्तर पर भी निर्यात की गतिविधियां संचालित की जा रही हैं। निर्यात बढ़ाने के लिए प्रोडक्ट की गुणवत्ता पर ध्यान देना आवश्यक है। निर्यात की संभावनाओं के लिए अंतर्राष्ट्रीय मार्केट सर्वे और वहां की मांग, उत्पाद की गुणवत्ता पर ध्यान और उत्कर्ष वैल्यू चेन विकसित की जाएगी। हमारा प्रयास यह होगा कि हर जिले को एक्सपोर्ट हब के रूप में विकसित किया जाए। जिलों में पैदा हो रहे कच्चे माल की प्रोसेसिंग कर वैल्यू एडिशन करते हुए निर्यात के लिए प्रयास होंगे।
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