परशुराम जयंती पर मुख्यमंत्री शिवराज ने लगाई घोषणाओं की झड़ी, जानिए क्या-क्या हुईं घोषणाएं और किसने रखीं मांगें

परशुराम जयंती पर मुख्यमंत्री शिवराज ने लगाई घोषणाओं की झड़ी, जानिए क्या-क्या हुईं घोषणाएं और किसने रखीं मांगें
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भोपाल के गुफा मंदिर में भगवान परशुराम जयंती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घाेषणा की कि स्कूलों के पाठ्यक्रम में भगवान परशुराम के कृतित्व को शामिल किया जाएगा। चौहान ने इसके साथ कई घोषणाएं की। कार्यक्रम में मौजूद अवधेशानंद गिरि महाराज के साथ उन्होंने भगवान परशुराम की 21 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण भी किया। इस अवसर पर पूर्व महापौर एवं कार्यक्रम के आयोजक आलोक शर्मा ने ब्राह्मणों, पुजारियों एवं संस्कृत पढ़ने वाले बच्चों से संबंधित मांगें मुख्यमंत्री के सामने रखीं।

भोपाल। भोपाल के गुफा मंदिर में भगवान परशुराम जयंती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घाेषणा की कि स्कूलों के पाठ्यक्रम में भगवान परशुराम के कृतित्व को शामिल किया जाएगा। चौहान ने इसके साथ कई घोषणाएं की। कार्यक्रम में मौजूद अवधेशानंद गिरि महाराज के साथ उन्होंने भगवान परशुराम की 21 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण भी किया। इस अवसर पर पूर्व महापौर एवं कार्यक्रम के आयोजक आलोक शर्मा ने ब्राह्मणों, पुजारियों एवं संस्कृत पढ़ने वाले बच्चों से संबंधित मांगें मुख्यमंत्री के सामने रखीं।

संस्कृत पढ़ने वाले बच्चों को मिलेगी स्कॉलरशिप

मुख्यमंत्री चौहान ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि अन्य स्कूलों के विद्यार्थियाें की तरह संस्कृत पढ़ने वाले ब्राह्मण छात्रों को भी स्कॉलरशिप सरकार द्वारा शुरू किया जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार ने संस्कृत शिक्षकों की भर्ती का काम शुरू किया था। काफी भर्तियां हो चुकी हैं लेकिन यह काम आगे भी जारी रहेगा।

मंदिर के पुजारियों को मिलेगा 5 हजार का मानदेय

मुख्यमंत्री चौहान ने मंदिरों से जुड़े पुजारियों का जिक्र करते हुए कहा कि जिन मंदिरों से जमीन नहीं जुड़ी है, वहां के पुजारियों को 5 हजार रुपए प्रतिमाह मानदेय दिया जाएगा ताकि उनके पूजा पाठ में कोई विघ्न न आए। मुख्यमंत्री पहले 4 हजार की घोषणा कर रहे थे लेकिन आलोक शर्मा के आग्रह पर उन्होंने राशि बढ़कार 5 हजार कर दी। उन्होंने यह भी कहा कि जिन मंदिरों से जमीन जुड़ी है, उस पर पूरा अधिकार मंदिर के पुजारी का होगा। सरकार का हस्तक्षेप समाप्त किया जाएगा, अलबत्ता एक समिति बनाई जाएगी ताकि मंदिरों की जमीन बेंची न जा सके।

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