मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा- मुझे सरकार चलाने में कभी भी धन की कमी महसूस नहीं हुई, जानिए क्यों हुआ अभिनंदन

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि सामाजिक क्रांति लाए बिना समाज में बदलाव नहीं हो सकता। हमने आबकारी नीति में बदलाव कर समाज सुधार की दृष्टि में बड़ा कदम उठाया है। प्रदेश मेें जहां जैविक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा हैै, तो वहीं गाय पालने से पालक को आय कैसी हो,इस दिशा में अध्ययन किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस की सरकारें हमेशा से ही खाजाना खाली होनेे की बात करती रही है,किन्तु उन्हें सरकार चलाने के लिए कभी भी धन की कमी महसूस नहीं हुई। उन्होंने कहा कि वो अपने जीवन में कभी भी ऐसा काम नहीं करेंगे,जिससे प्रदेश की जनता को निराश होना पड़ें। मुुख्यमंंत्री शनिवार को रविन्द्र भवन में माता बेटी बाई स्मृति शिक्षण समिति द्वारा आयोजित अभिनंदन समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर पूर्व सीएम उमा भारती और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा भी मौजूद रहें।
उमा जी के कारण बनी 2003 में भाजपा सरकार
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि वर्ष 2003 से पहले प्रदेश में यह कहा जाता था कि सूबे मेेंं भाजपा की सरकार बनना मुश्किल है। दिग्विजय सिंह किसी भी तरह से तिकड़म बैठा कर सरकार बना लेंगे। लेकिन दीदी उमा भारती ने धनघोर परिश्रम करते हुए,अपने स्वास्थ्य को दांव पर लगा दिया। जिसकी वजह से 2003 में उमा दीदी की रणनीति,परिश्रम और नेेतृत्व की वजह सेे मध्यप्रदेश में भाजपा की सरकार बनी। उन्होंने कहा कि यह दीदी की तपस्या का ही परिणाम है कि उन्हें सरकार चलाने में अब तक कभी भी धन की कमी नहीं पड़ी। सवा साल सरकार चलाने वाले तो खाजाना खाली होने की बात करते थे,लेकिन मुझे कभी भी धन की कमी महसूस नहीं हुई। जब जो कह दिया,वह पूरा हुआ। सीएम चौहान ने कहा कि मेरा और दीदी( उमा भारती) का दर्द साझां है। गांवों में हमने बेटे और बेटियों में फर्क होते देखा हैै। पुरुषों द्वारा पत्नियों पर अन्याय करते देखा है। जिससे मन में टीस होती थी,कि मुझे बहन और बेटियों को लिए कुछ करना हैै। मैं जैसे ही मुख्यमंत्री बना,तो सबसे पहले मैंने अधिकारियों को बुलाकर कहा कि कुछ ऐसी योजना बनाई जाएं,जिससे समाज में बेटियों को बोझ न समझा जाए और बेटियां लखपति बन जाएं,इस पर अधिकारियों ने कहा कि यह असंभव है,लेकिन मैंने उनसे कह दिया कि इसे संभव बनाना ही है और लाड़ली लक्ष्मी योजना ने मूर्त रुप लिया। सीएम नेे बताया कि मुख्यमंत्री बनने के बाद मुख्यमंत्री कन्यादान योजना भी शुरु की थी।
लाड़ली बहना योजना इसलिए बनाई
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि पिछले दिनों मेेरेे मन मेें यह विचार आया कि कोई भी बहन अपने खर्चे के लिए पुरुषों पर आश्रित न रहेे। इसके लिए फिर से अधिकारियों को बुलाकर उन्हें ऐसी योजना बनाने को कहा,जिसमें बहनों के खातों में सीधे प्रति माह 1 हजार रुपए और साल में 12 हजार रुपए पहुंचे,तब भी अधिकारियों ने असंभव होनी की बात कही,लेकिन मैंने उनसे कहा दिया कि यह सुनिश्चित करना ही है,कि बहनों के खातों में 1 हजार रुपए हर महीने जाना चाहिए। हम सबने बैठकर मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना को मूर्त रुप दिया है। इसमें जून माह से पात्र बहनों के खातों में 1 हजार रुपए आने शुरु हो जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके उमा दीदी से बहुत पुराने रिश्ते है। उन्होंने बताया कि उमा जी ने कभी भी अन्याय सहन नहीं किया। युवा मोर्चे में काम करने के दौरान वो उमा जी के कहने पर टीकमगढ़ के मौथी गांव पहुंची थी,जहां एक बेटी की शादी होने में दिक्कतें आ रही थी और पुलिस बरात को गांव में नहीं आने दे रही थी,तब हमने नदी पार कर गांव पहुंचकर पुलिस को चेरते हुए बेटी की शादी कराई थी।
उमा की गुस्सा में समाज का कल्याण निहित
मुख्यमंत्री ने कहा कि मैंने उमा भारती में कई रुप देखे है। पहला मैैंं उनसे उम्र में भले ही बड़ा हूं,लेकिन उन्हें दीदी बोलता हूं। जब भी मन बैैचेन होता है,तो लगता है कि दीदी की गोद मेें सर रख दूं। दूसरा मैं उनमें बेटी का रुप भी देखता हूं,जो किसी भी इच्छा को पूरा करने के लिए लड़ भी जाती है और गुुस्सा भी करती है,लेकिन उनकी गुस्सा में समाज का कल्याण रहता है। और तीसरा उन्हें मैं मित्र के रुप मेें भी देखता हूं,सच्चे मित्र के रुप में,जरुरत पड़े तो कह देगी कि परेशान होने की जरुरत नहीं है,मैं तो हूं। सीएम ने कहा कि मैं विश्वास दिलाता हूं कि अपने जीवन में कभी कोई न तो गलत काम करुंगा और न ही होने दूंगा। मैं कभी भी अपने कामों से जनता को निराश नहीं होने दूंगा और पूरे समर्पण के साथ प्रदेश की जनता की सेवा करता रहूंगा। सीएम ने कहा कि नई आबकारी नीति में परिवर्तन करना मामूली बात नहीं थी। अहाते बंद करने का निर्णय लिया,तो अधिकारियों ने राजस्व का घाटा होने की बात कही,तो दूसरे लोगों ने कहा कि लोग सड़क पर शराब पिएंगे,हमने कहा कि ऐसा करें,तो लोगोंं को दण्ड देंं,फिर बोला गया कि यह लोगों के मौलिक अधिकार का हनन है,हमने कहा कि जिन्हें शराब पीना है,वह घर जाकर पिएं,क्योंंकि घर के बाहर शराब पीने से सड़क दुर्घटनाएं होती है,कई तरह के अपराध होते है,जिन्हें रोकना बहुत जरुरी है। इसलिए समाज सुधार की दृष्टि से यह बहुत बड़ा कदम है। इसकेे लिए जो दृढ़ संकल्प लिया,उससे प्रेरणा और मजबूत हुई है। उन्होंने उमा भारती से कहा कि उनके दूसरे सुझाव पर भी ध्यान दिया जा रहा है । प्रदेश में साढ़े 17 लाख हेक्टेयर जैविक खेती हो रही है। गाय बचाने के लिए दीदी उमा भारती के सुझाव पर वर्कआउट किया जा रहा हैै। क्योंकि उमा दीदी ने कहा कि अकेेले गौशाला बनाने से ही गाय नहीं बचेगी,बल्कि उन्हें लोगों को पालने से उनकी सुरक्षा हो सकती है,इसलिए हम यह दिखवा रहे है कि गाय का गोबर खरीदने,गौमूत्र खरीदने से गाय पालक को कितना फायदा हो सकता है।
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