मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा- पंचायत चुनाव पर सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटीशन दाखिल करेगी मप्र सरकार, मुख्यमंत्री बोले...

मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा- पंचायत चुनाव पर सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटीशन दाखिल करेगी मप्र सरकार, मुख्यमंत्री बोले...
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मप्र पंचायत चुनावों के संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि हम चाहते हैं कि पंचायत चुनाव ओबीसी आरक्षण के साथ ही हों। कोर्ट के निर्णय का अध्ययन कर मप्र सरकार इस संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटीशन दाखिल करेगी।

भोपाल। मप्र पंचायत चुनावों के संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि हम चाहते हैं कि पंचायत चुनाव ओबीसी आरक्षण के साथ ही हों। कोर्ट के निर्णय का अध्ययन कर मप्र सरकार इस संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटीशन दाखिल करेगी।

सुप्रीम कोर्ट ने झटका दिया, सुनाया यह फैसला

मध्यप्रदेश पंचायत चुनावों के संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को बड़ा फैसला सुना दिया। इससे ओबीसी आरक्षण की मांग करने वाले राजनीतिक दलों खासकर प्रदेश सरकार को झटका लगा है। कोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग को निर्देश दिए हैं कि वह मप्र पंचायतों के चुनाव शीघ्र कराए। इसके लिए दो हफ्ते के अंदर अधिसूचना जारी करने के निर्देश भी दिए हैं। कोर्ट ने यह भी कहा है कि शर्ते पूरी किए बिना ओबीसी आरक्षण नहीं दिया जा सकता। इसलिए पंचायत चुनाव में सिर्फ एससी और एसटी आरक्षण ही लागू होगा।

आरक्षण को लेकर आमने-सामने थे भाजपा-कांग्रेस

ओबीसी आरक्षण को लेकर भाजपा और कांग्रेस आमने-सामने थे। कोर्ट की फटकार के बाद आनन फानन में राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग ने अपनी रिपोर्ट जारी कर सुप्रीम कोर्ट को सौंपी थी। सरकार के मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा था कि प्रदेश में ओबीसी की आबादी 48 फीसदी है इसलिए ओबीसी काे 27 नहीं 35 फीसदी आरक्षण दिया जाना चाहिए लेकिन कोर्ट ने सरकार की दलील नहीं मानी। दूसरी तरफ कांग्रेस की तत्कालीन कमलनाथ सरकार ने ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण देने का आदेश ही निकाल दिया था। दोनों दल एक दूसरे पर ओबीसी आरक्षण का विरोधी होने का आरोप लगा रहे थे। बहरहाल सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद अब मप्र में ओबीसी के आरक्षण के बिना ही पंचायत चुनाव होंगे।

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