सिविल सर्विस डे पर बोले मुख्यमंत्री शिवराज- प्रदेश में विभिन्न क्षेत्रों में हुआ अद्भुत कार्य, अफसरों की तारीफ की

सिविल सर्विस डे पर बोले मुख्यमंत्री शिवराज- प्रदेश में विभिन्न क्षेत्रों में हुआ अद्भुत कार्य, अफसरों की तारीफ की
X
सिविल सर्विस डे पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश के अफसरों की टीम को बधाई देते हुए कहा कि प्रदेश में विभिन्न क्षेत्रों में अद्भुत कार्य हुआ है। इसकी वजह से प्रदेश में परिवर्तन आया है। संसाधन हैं इसलिए कार्य कर पा रहे हैं। प्रदेश में चार लाख किलोमीटर सड़कों का जाल बिछ चुका है।

भोपाल। सिविल सर्विस डे पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश के अफसरों की टीम को बधाई देते हुए कहा कि प्रदेश में विभिन्न क्षेत्रों में अद्भुत कार्य हुआ है। इसकी वजह से प्रदेश में परिवर्तन आया है। संसाधन हैं इसलिए कार्य कर पा रहे हैं। प्रदेश में चार लाख किलोमीटर सड़कों का जाल बिछ चुका है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की प्रगति, विकास और जन-कल्याण में लोक सेवकों का महत्वपूर्ण योगदान है। प्रदेश की टीम पर मुझे गर्व है।

सिविल सेवा देश निर्माण एवं सेवा का अभियान

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश को बीमारू राज्य से विकासशील राज्यों की पंक्ति में खड़ा करने में जिन लोक सेवकों ने योगदान दिया है, मैं उन सभी को प्रणाम करता हूँ।चौहान ने कहा कि सिविल सेवा, मात्र केरियर नहीं, यह देश के निर्माण और जनता की सेवा का अभियान है। लोक सेवकों के पास देश एवं प्रदेश को बदलने और जनता की जिंदगी बदलने का सामर्थ्य है। लोक सेवक केपेसिटी बिल्डिंग की हर समय कोशिश करते रहे और इस भाव के साथ कार्य करें कि सुधार की गुंजाइश हमेशा विद्यमान रहती है। मुख्यमंत्री श्री चौहान 17वें सिविल सेवा दिवस पर आर. सी. पी. व्ही. नरोन्हा प्रशासन अकादमी में कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

लोकसेवकों को दिया मार्गदर्शन

मुख्यमंत्री चौहान ने लोक सेवकों को मार्गदर्शन देते हुए कहा कि हम वर्तमान में जो कर रहे हैं, उससे बेहतर करने के लिए प्रयास करते रहना आवश्यक है। बदलती तकनीक और परिस्थितियों के अनुसार स्वयं को अपग्रेड करना और स्वयं को दक्ष एवं उपयुक्त बनाना जरूरी है। इसके लिए उपयुक्त प्रशिक्षण लेने के साथ व्यक्तिगत स्तर पर प्रयास करते रहने से ही हम, स्वयं की कार्य क्षमता को निरंतर बेहतर बना सकते हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने समय प्रबंधन और प्राथमिकताओं के निर्धारण में स्वयं अपना उदाहरण भी दिया। चौहान ने गीता के श्लोक का उदाहरण देते हुए, सात्विक कार्यकर्ता के लक्षणों के संबंध में चर्चा की। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि पूर्वाग्रह से मुक्त एवं अहंकार शून्य रहना, धैर्य बनाए रखना, सकारात्मक रहते हुए उत्साह से परिपूर्ण दृष्टिकोण रखना, सफलता-असफलता में समान भाव बनाए रखना तथा विश्वास से भरे रहना आवश्यक है।

परिवार एवं खुद पर दें समय

मुख्यमंत्री चौहान ने शासकीय कार्य के साथ परिवार को समय देने और स्वयं के स्वास्थ्य का ध्यान रखने की आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा कि ध्यान-योग एवं प्राणायाम, शारीरिक स्वास्थ्य और मानसिक शांति के लिए आवश्यक है। मुख्यमंत्री चौहान ने श्री नरोन्हा तथा श्री बुच का उदाहरण देते हुए कहा कि अपने कार्यों और सेवाओं के बल पर लोक सेवक आने वाली पीढ़ियों के लिए उदाहरण के रूप में स्थापित हो सकते हैं। लोक सेवक जिलों और प्रदेश में बदलाव लाने में सक्षम हैं। उनके कार्य और सेवाएँ ऐसी हों कि लोग उन्हें आगामी समय तक याद करते रहें।

मप्र में अफसरों की दक्ष टीम

मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस ने कहा कि 21 अप्रैल 1947 को आज ही के दिन भारत के तत्कालीन गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल ने इंडियन सिविल सर्विस के पहले बेच के अधिकारियों को संबोधित किया था। स्वतंत्रता के कगार पर खड़े राष्ट्र से सिविल सेवाओं की अपेक्षाओं को अभिव्यक्त करता यह संबोधन आज भी प्रसांगिक है। कार्यपालिका के अधीन कार्य करने वाला प्रत्येक कर्मचारी सिविल सर्विसेस का भाग है। इस दृष्टिकोण से सिविल सर्विसेज दिवस के दायरे का इस वर्ष विस्तार किया गया है। उन्होंने कहा कि मप्र में अधिकारियों की एक दक्ष टीम कार्य कर रही है। प्रदेश में आम जन और प्रशासन के बीच कभी फासला नही रहा।यहां अच्छे कार्यों की पहल करने की,कार्य को अपने तरह से रचनात्मक ढंग से करने की भी आदर्श स्थिति है।


Tags

Next Story