नया करने का सोचा तो चाचा ने डंडे से पीटा, फिर भी नहीं हटा पीछे: मुख्यमंत्री चौहान

नया करने का सोचा तो चाचा ने डंडे से पीटा, फिर भी नहीं हटा पीछे: मुख्यमंत्री चौहान
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पहली बार मजदूरों के लिए आंदोलन किया तो घर के सामने ही चाचा ने डंडे से पीटा, लेकिन मैं मजदूरों की मांगों को लेकर डटा रहा, पीछे नहीं हटा। आखिरकार मैंने पद यात्रा निकाली, इसके बाद पहली बार सात हजार लोगों की भीड़ के साथ बुधनी में पहली सभा की।

भोपाल। पहली बार मजदूरों के लिए आंदोलन किया तो घर के सामने ही चार्चा ने डंडे से पीटा, लेकिन मं मजदूरों की मांगों को लेकर डटा रहा, पीछे नहीं हटा। आखिरकार मैंने पद यात्रा निकाली, इसके बाद पहली बार सात हजार लोगों की भीड़ के साथ बुधनी में पहली सभा की। आखिरकार आज में यहां तक आ गया। युवाओं को जिद, जुनून और जज्बे के साथ काम करने की जरूरत है। अगर डटे रहे तो जरूर सफल होंगे। यह बात शनिवार को मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद के जंबूरी मैदान पर सामुदायिक नेतृत्व युवा समागम कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कही। इस कार्यक्रम में प्रदेशभर से 10 हजार से ज्यादा युवा जुटे। मंच पर जन अभियान परिषद के उपाध्यक्ष जितेंद्र जामदार, विभाष उपाध्याय, विभाग के प्रमुख सचिव मुकेश गुप्ता, कार्यपालक निदेशक धीरेंद्र पांडे, महापौर मालती राय मौजूद थे। परिषद के महानिदेशक प्रो. बीआर नायडू ने पाठ्यक्रम के बारे में बताया।

शिवराज ने सुनाई बचपन की बातें

सीएम ने युवाओं से कहा कि नेतृत्व करने की क्षमता विकसित करने की मेरी खुद की कहानी है, उन्होंने बताया कि मेरे गांव जैत की आबादी 1200-1300 से ज्यादा नहीं थी। मैं सामान्य और छोटे किसान परिवार में पैदा हुआ। मुझे बचपन में ही पढ़ने के लिए भोपाल भेज दिया था। परिवार ने सोचा कि पढ़ लेगा तो सरकारी नौकरी मिल जाएगी, लेकिन मेरे मन में चेतना जागी कि कुछ कर शिवराज। केवल पढ़ने से काम नहीं चलेगा। फिर मैंने गीता जी और स्वामी विवेकानंद की जीवनी भी पढ़ी तो लगा कि पढ़ने के साथ कुछ और कर। तब मुझे पता चला कि गांव में मजदूरी बहुत कम मिलती है।

सवा किलो अनाज में दिन भर मजदूरी

उन्होंने बताया कि एक जमाना था, जब मजदूरी पैसे में नहीं, अनाज के जरिए दी जाती थी। तब अनाज को नापते थे, तौलते नहीं थे। पाई और कुड़ा होता था। पाई मतलब सवा किलो अनाज। कुड़ा मतलब पांच पाई। तब ढाई पाई मजदूरी मिलती थी। इसलिए मैंने गांव के मंदिर में मजदूर इकट्ठा किए। उम्र कम थी, सातवीं में पढ़ता था। थोड़े से ही मजदूर आए। मैंने मजदूरों से कहा कि देखो भाई, मजदूरी बहुत कम मिलती है, हमें कुछ करना चाहिए। मजदूर बोले कि हम क्या कर सकते हैं भैया। फिर हमने कहा कि आंदोलन करो। मैं तुम्हारे साथ हूं और जुलूस निकालने का तय किया।

शिवराज बोले कमलनाथ ने बंद कराया कोर्स

शिवराज ने बचपन की कहानी सुनाने के पहले छात्रों से कहा कि कमलनाथ ने एमएसडब्ल्यू कोर्स को बंद कर दिया था, लेकिन फिर मामा आया तो उसे शुरु किया गया। अब आप लोग चिंता न करें, मं इस कोर्स को परमानेंट कर दूंगा। सीएम ने कहा कि यह पाठ्यक्रम अन्य नियमित पाठ्यक्रम के बराबर ही माना जाएगा। ये कम नहीं रहेगा।

लालटेन की रोशनी में निकाला जुलूस

उन्होंने बताया कि लालटेन की रोशनी में रात में फिर मीटिंग की और तय किया कि ढाई पाई नहीं, पांच पाई लेंगे, वरना काम बंद करेंगे। जुलूस निकला। एक मजदूर ने लालटेन सिर पर रख लिया। नारे लगाते हुए गांव से गुजरने लगे। मैं आगे-आगे था और मजदूर पीछे-पीछे। जैसे ही जुलूस हमारे घर के दरवाजे पर पहुंचा तो लठ लेकर मेरे चाचाजी आ गए और बोले- आओ मैं देता हूं मजदूरी। जैसे ही उन्होंने लठ उठाया, मजदूर भाग निकले और मैं पकड़ लिया गया। और इसके बाद वो धुनाई हुई, जिसे मैं आज तक नहीं भूला। हमारा आंदोलन वहीं खत्म हो गया, लेकिन मैं बैठा नहीं'।

शिवराज बोले और कितना जिऊंगा

मुख्यमंत्री जब युवाओं को नेतृत्व क्षमता के बारे में बता रहे थे, तब उन्होंने अपनी उम्र का भी जिक्र किया। बोले कि मेरी उम्र 63-64 साल हो गई है। और कितना जीऊंगा 10 साल, 15 साल, 20 साल। तभी सामने खड़ी सलोनी सोनार बोली कि मामाजी हमारी उम्र आपको लग जाए। इस पर शिवराज बोले कि मेरी उम्र भी तुम्हें लग जाए बेटी। सलोनी कन्नौद से आई थी।

घर से निकलने वाली बानो, आज कंपनी की मालिक

छात्रों और मेंटर्स भोपाल की नाजमा बानो ने कहा कि 12वीं के बाद उनकी शादी कर दी गई थी। दो बच्चों के बावजूद मैंने घर से बाहर निकलकर लीडरशिप डेवलप की। आज एक कंपनी की मालिक हूं। यह संभव एमएसडब्ल्यू कोर्स करने के बाद ही संभव हुआ है। रीवा की प्रतिभा सिंह ने भी अपनी बात रखी। प्रतिभा ने कहा कि आज एमएसडब्ल्यू की वजह से ही गांव की प्रतिमा यहां पर आई ह। उन्होंने बताया कि कोरोना काल में लोगों को मोटिवेट कर सौ फीसदी वैक्सीनेशन कराया। कटेहा जबलपुर के अभिनेष ने भी नेतृत्व क्षमता के बारे में मंच से बताया।

मुख्यमंत्री ने की यह घोषणाएं

उच्च शिक्षा विभाग समेत सरकार के अन्य विभागों की योजनाओं और सुविधाओं का लाभ सीएम सीएलडीपी पाठ्यक्रम के छात्र-छात्राओं को भी दिया जाएगा। स्कारशिप जैसी सुविधाएं मिलेंगी।

सीएम सीएलडीपी के चयनित छात्र-छात्राओं को सरकार के विभिन्न विभागों द्वारा संचालित योजनाओं में जनभागीदारी मिलेगी। कम्युनिटी इंजेजमेंट और इंटरशीप करने की सुविधा भी मिलेगी।

सरकार की योजनाओं के मूल्यांकन के लिए मानदेय सहित अधिकृत किया जाएगा

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