स्वास्थ्य कर्मचारियों की लापरवाही से बच्ची की मौत, शिकायतों के बावजूद दूर नहीं हुई बदहाली

बालाघाट। उपस्वास्थ्य केन्द्रों के माध्यम से गांव में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने का दावा किया जा रहा है, तो वहीं दूसरी ओर गांव में बनाए गए उप स्वास्थ्य केंद्रों में उपचार के नाम पर लोगों की जान से खिलवाड़ हो रहा है। जहां चिकित्सा जैसी बुनियादी सेवाएं भी ग्रामीणों को नसीब नहीं हो पा रही है और वह पदस्थ अधिकारियों कर्मचारियों की घोर लापरवाही आए दिनों सामने आ रही है। ताजा मामला उप स्वास्थ्य केंद्र समनापुर का है, जहां पदस्थ अधिकारियों कर्मचारियों पर आरोप है कि उनकी लापरवाही से टेकाडी में एक बच्ची की मौत हो गई। समनापुर उप स्वास्थ्य केन्द्र अब तक लगभग 4 से 5 मामले ऐसे सामने आये हैं, जहां स्वास्थ्य कर्मचारी की लापरवाही से मौत होने का आरोप लगाया गया है।
इस मामले की जांच करने एमपीडब्ल्यू नीरज श्रीवास्तव, सुरपरवाईजर महेश कुमार बघेल, परेश उपलव, बीएमओ डॉ. पंकज महाजन, डीपीएम शैलेश पहुंचे थे। जहां समनापुर और टेकाडी के ग्रामीणों ने प्रशासन मांग की है कि इन लापरवाह स्वास्थ्यकर्मी पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जाये।
दरअसल टेकाड़ी की महिला को प्रसव पीड़ा होने पर एक प्रसूता को उप स्वास्थ्य केंद्र समनापुर लाया गया, जहां उप स्वास्थ्य केंद्र में ताला जड़ा होने पर महिला घंटों प्रसव पीड़ा से तड़पती रही। लेकिन उसकी मदद के लिए उप स्वास्थ्य केंद्र में कोई भी अधिकारी कर्मचारी मौजूद नहीं था। घटना की जानकारी मिलते ही कुछ ग्रामीण युवा उप स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे, जहां ग्रामीणों ने उप स्वास्थ्य केंद्र के गेट का ताला तोड़कर प्रसूता को बरामदे में लिटाया और दाई को बुलाकर उनके हाथों महिला की डिलीवरी कराई गई। यहां एएनएम के द्वारा सिर्फ 1 इंजेक्शन लगाया गया। वहीं दूसरे दिन 1 दिसम्बर को पीड़िता की सुबह 9 से 10 बजे प्रसव महिला की छुट्टी कर दी गई और घर आकर नर्स के द्वारा फिर टीका लगवाया गया, जिसके बाद बच्ची की मौत हो गई।
झोलाछाप डॉक्टर उठा रहे फायदा
ग्रामीणों ने बताया कि यहां ताला लगा रहने से कई ग्रामों की अबादी को परेशान होना पड़ रहा है। उपस्वास्थ्य केंद्र होने पर भी ग्रामीण इलाज के लिए झोलाछाप डॉक्टर या बालाघाट के अस्पताल के भरोसे है। जिसकी शिकायत पूर्व में कई बार स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से की गई, लेकिन इसे गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है। उपस्वास्थ्य केंद्र ना खुलने से ग्रामीणों को मजबूरन झोलाछाप डॉक्टरों से इलाज कराना पड़ता है। वही इसका फायदा गांवों में दुकानें खोलकर बैठे झोलाछाप उठा रहे हैं।
कस्बे समेत आस-पास के गांवों में दर्जनभर से अधिक झोलाछाप डॉक्टर हैं। जिन पर अब तक चिकित्सा विभाग द्वारा कार्यवाही नहीं की गई है, जिसके चलते वे ग्रामीणों का इलाज कर मोटी रकम कमा रहे है। ग्रामीण बताते हैं कि उपस्वास्थ्य केंद्र बंद रहने की शिकायत कई बार वरिष्ठ अधिकारियों से की जा चुकी है। इसके बावजूद अब तक इस समस्या का कोई हल नहीं निकला, हर बार केवल ग्रामीणों को आश्वासन दिया जाता है, लेकिन लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों कर्मचारियों पर कोई कार्यवाही नहीं की जाती है। जिसके चलते उप स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ अधिकारी कर्मचारी लापरवाह हो गए हैं और वे अक्सर अपने कार्य से नदारद रहते हैं।
इस मामले को लेकर जब हमारे द्वारा समाचार प्रसारित किया गया तो आनन फानन में समनापुर उप स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ नर्स आरपी मिर्जा को निलंबित कर दिया गया है। वहीं बीएमओ व बाकी स्टाप को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS