CM SHIVRAJ : शिवराज का कमलनाथ पर वार - तुम क्या जानों जूते का महत्व तुम तो सोने का चम्मच लेकर पैदा हुए, मैं गरीब घर में

CM SHIVRAJ : आगर, मालवा। शिवराज (shivraj) ने कहा कि कमलनाथ (kamlnath) तुम तो क्या जानों जूते का महत्व (importence), तुम तो सोने की चम्मच (spoon) लेकर पैदा (boarn) हुए हो। मैं तो गरीब घर में पैदा हुआ हूं। बिना जूते के पांव में कांटा गड़ जाता है तो गरीब के दिल में कितनी तकलीफ होती है। ये शिवराज जानता है, कमलनाथ जैसे लोग नहीं जान सकते। किसान भाइयों ये वही कमलनाथ और वही कांग्रेस है जिन्होंने कर्जा माफ करने का वचन दिया था लेकिन किसी का कर्जा माफ नहीं किया।
शिवराज ने आरोप लगाया कि किसानों का ब्याज मैंने भरा जिसके कारण किसान डिफाल्टर हो गए थे। एक नहीं अनेकों योजनाएं कांग्रेस ने बंद कर दी थी। सवा साल के लिए कांग्रेस आई थी। मैं पहले बैगा,भारिया और सहरिया हेलो के खाते में ₹1000 महीना डालता था। कांग्रेस ने वो 1 हजार रुपए बंद कर दिए।
मुख्यमंत्री शिवराज ने कमलनाथ सहित कांग्रेसी नेताओं को लेकर कहा है कि 21 से लेकर 23 साल वाली बहनें छूट गई थी। मैंने कहा उन्हें भी दो। अभी दे रहा हूं 1 हजार रूपए महीने, इसका मतलब है 15 हजार करोड़ रूपया हर साल देना पड़ेगा कमलनाथ मैंने अभी गरीबों के पांव में जूते पहनाए बहनों को चप्पल पहनाई क्योंकि वह तेंदूपत्ता तोड़ने जाती थी। तो कमलनाथ कह रहे थे, शिवराज को यह जूते लौटा देना।
योजनाएं बंद करने का आरोप
आरोप लगाते हुए शिवराज ने कहा कि इन्होंने तीर्थ यात्राएं बंद कर दी कन्याओं के विवाह की योजनाएं बंद कर दी, क्योंकि शादी हो गई कमलनाथ ने पैसे ही नहीं किए। ये योजनाएं बंद करने वाले हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीएम आवास भेजें, इन्होंने वापस लौटा दिया। किसान सम्मान निधि कि इन्होंने लिस्ट ही नहीं भेजी ताकि किसी का नाम न जुड़ जाए, इन्होंने जल जीवन मिशन की योजनाएं शुरू ही नहीं की।
शिवराज ने कहा कि नौजवान बेटा-बेटियों एक लाख सरकारी पदों पर भर्ती जारी है। 50,000 फिर से निकाल रहा हूं, लगातार भर्ती जारी रहेगी। स्वरोजगार की योजनाएं भी बच्चों के लिए शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना, एक योजना और जो बच्चे 12वीं पास है, आईटीआई किए हैं वह काम सीखने के लिए अलग-अलग कंपनियों में जाएंगे, कंपनियां उनको काम सिखाएंगे और काम सिखाने के बदले में उनको ₹8000 महीना दिए जाएंगे ताकि भांजे भांजी दर-दर की ठोकरें ना खाएं। वह काम सीखे ताकि बाद में उन्हें परमानेंट काम मिल जाए। हजार तक मामला नहीं रुकेगा। मैं तुम्हारी जिंदगी बदलने आया हूं। चौथी बार मुख्यमंत्री बना हूं तो जनता की जिंदगी बदलने के लिए बना हूं।
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