CMHO घूस लेते गिरफ्तार, लोकायुक्त ने जाल बिछाकर रंगे हाथ पकड़ा, जानें पूरा मामला

CMHO घूस लेते गिरफ्तार, लोकायुक्त ने जाल बिछाकर रंगे हाथ पकड़ा, जानें पूरा मामला
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मध्यप्रदेश के आगर-मालवा क्षेत्र में मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर रमेशचंद्र कुरील को रंगे हाथ रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया है। उनपर एक डॉक्टर ने घूस के लिए धमकी देने का आरोप लगाया था।

आगर-मालवा। मध्यप्रदेश के आगर-मालवा क्षेत्र में मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर रमेशचंद्र कुरील को रंगे हाथ रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया है। उनपर एक डॉक्टर ने घूस के लिए धमकी देने का आरोप लगाया था। डॉक्टर का कहना था कि अच्छी रिपोर्ट बनाने के लिए मुझसे रिश्वत की मांग की जा रही है। तब लोकायुक्त ने उन्हें रंगे हाथ पकड़ने के लिए जाल बिछाया। सीएमएचओ ने 20 हजार रुपए की मांग की थी लेकिन सौदेबाजी के बाद वे 10 हजार के लिए राजी हो गए। इसके बाद जब वे घूस ले रहे थे उसी समय लोकायुक्त की टीम ने उन्हें गिरफ्त में ले लिया।

शिकायत मिलने पर बनाई योजना

लोकायुक्त डीएसपी सुनील तालान का कहना है कि उज्जैन के लोकायुक्त एसपी अनिल विश्वकर्मा को आगर मालवा में पदस्थ डॉक्टर भगवानदास राजोरिया ने 12 जून को सीएमएचओ द्वारा रिश्वत के लिए दबाव बनाए जाने की जानकारी दी थी। डॉ. राजोरिया ने बताया कि वे राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के तहत संविदा के रूप में आगर मालवा में पदस्थ हैं। यहां के मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी रमेशचंद्र कुरील ने उनकी अच्छी रिपोर्ट बनाने और परेशान न करने के लिए 20 हजार रुपए की मांग की है। जानकारी मिलने पर लोकायुक्त पुलिस ने सबूत जुटाना शुरू किया। तब पुलिन ने पाया कि सीएमएचओ पर लगाए गए आरोप सही हैं। इसके बाद उन्हें रंगे हाथ पकड़ने के लिए जाल बिछाया गया। 15 जून को सीएमएचओ सौदेबाजी के बाद 10 हजार लेने के लिए राजी हो गया। इसके बाद जब वे अपने शासकीय आवास पर रिश्वत ले रहे थे उसी समय लोकायुक्त ने उन्हें धर दबोचा। निरीक्षक बसंत श्रीवास्तव ने बताया कि सीएमएचओ के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। आरोपी चिकित्सक को गिरफ्तार करने के बाद जमानत पर रिहा भी कर दिया गया है।

बार-बार दी चेतावनी

मध्य प्रदेश के कई जिलों में चिकित्सक के पद पर अपनी सेवाएं दे चुके डॉक्टर भगवान दास राजोरिया रिटायरमेंट के बाद राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) से जुड़ गए थे। इसमें वे संविदा चिकित्सक के तौर पर कार्य कर रहे थे। इस दौरान सीएमएचओ डॉ कुरील उन्हें बार-बार चेतावनी दे रहे थे और रिश्वत देने पर दबाव बना रहे थे। साथ ही डॉ कुरील ने उन्हें धमकी भी दी थी कि ऐसा न करने पर वे डॉ राजोरिया का रिकॉर्ड खराब कर देंगे। िससे उनकी नौकरी भी चली जाएगी। इससे बचने के लिए सीएमएचओ ने डॉ. राजोरिया से 20 हजार रुपए मांगे। सौदेबाजी के बाद वे 10 हजार रुपए की रिश्वत पर अटक गए थे।

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