MP ELECTION 2023: हरिभूमि स्पेशल! भील- भिलाला के बीच फंसी गंधवानी की राजनीति, यहां बीजेपी, कांग्रेस में जबरदस्त खींचतान, कौन होगा आदिवासियों का बादशाह

UMANG SINGHAR VS SARDAR SINGH MEDHA: धार। घुमावदार रास्तों के बीच और सघन पहाड़ों के बीच बसा धार जिले का गंधवानी, ब्लॉक मध्य प्रदेश की सियासत में अहम स्थान रखता है। ये सीट कई सालों से कांग्रेस के कब्जे में है। यहां से प्रदेश की पूर्व उपमुख्यमंत्री रहीं जमुना देवी के भतीजे उमंग सिंघार यहां से विधायक हैं और कांग्रेस के प्रमुख दावेदार हैं। दरअसल साल 2008 में परिसीमन के बाद ये सीट अस्तित्व में आई। इसके अस्तित्व में आने के बाद से अब तक बीजेपी यहां से अपनी पहली जीत का इंतजार कर रही है।
आने वाले 17 नंवबर को मध्य प्रदेश अपनी नई किस्मत लिखने जा रहा है। इसी दिन एमपी के मतदाता बीजेपी कांग्रेस के प्रत्याशियों तकदीर लिखने जा रहे हैं। तो इसी कड़ी में गंधवानी विधानसभा क्षेत्र को कांग्रेस के गढ़ हैं। यहां से लगातार 3 बार से उमंग सिंघार कांग्रेस की उम्मीदवारी में यहां से जीतते रहे है। उमंग सिंघार की पहचान आदिवासी नेता के रूप में है, यही वजह है कि वह यहां से भील आदिवासी मतदाताओं के बूथ चुनाव जीतते रहे हैं।
साल 2008 में उमंग सिंघार और बीजेपी से सांसद रहे छतर सिंह दरबार आमने सामने थे। इस पहले चुनाव में उन्होंने बीजेपी सांसद को हराकर, यहां कांग्रेस को स्थापित किया है। इस बार भी बीजेपी ने उंमग सिंघार के खिलाफ़ एक पंचायत के सरपंच सरदा सिंह मेड़ा को अपना प्रत्याशी घोषित किया है। तो अब देखना ये होगा एक भील आदिवासी प्रत्याशी भिलाला प्रत्याशी चुनाव में सिकस्त दे पाएंगे।
वोटर कितने, कितनी है यहां की आबादी
2018 के विधानसभा पर नजर डालें तो गंधवानी विधानसभा सीट पर तब 6 उम्मीदवार मैदान में थे, लेकिन मुख्य मुकाबला दो राष्ट्रीय पार्टियों बीजेपी और कांग्रेस के बीच ही रहा। कांग्रेस के उमंग सिंघार को चुनाव में पड़े कुल 60.3% वोट यानी 97,899 मत मिले। तो वहीं बीजेपी के सरदार सिंह मेढ़ा को 60,068 वोट पड़े। उमंग सिंघार ने बेहद आसान मुकाबला 38,831 मतों के अंतर से जीत लिया।
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