कांग्रेस को दिग्विजय सिंह की जीत को लेकर संशय, 52 के बजाए 54 विधायकों को वोट देने के निर्देश

राज्यसभा चुनाव में जीत को लेकर कांग्रेस ने अपनी रणनीति में बदलाव किया है। राज्यसभा से कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह की जीत को लेकर 52 विधायकों की जगह 54 विधायकों को तैयार किया गया है। एक सीट पर जीतने के लिए कांग्रेस ने दो अतिरिक्त विधायकों के मत को शामिल किया है। वहीं राज्यसभा चुनाव में मतदान से एक दिन पहले कांग्रेस और भाजपा में बैठकों का दौर जारी है। राज्यसभा चुनाव को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के निवास पर विधायक दल की बैठक हुई। जिसमें राज्यसभा चुनाव को लेकर पर्यवेक्षक मुकुल वासनिक ने सभी विधायकों से चर्चा की। कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष रामनिवास रावत का कहना है कि जीत को लेकर शीर्ष नेताओं ने अपनी रणनीति में बदलाव किया है। पहली वरीयता कांग्रेस के राज्यसभा प्रत्याशी दिग्विजय सिंह को दी गई है और जीत के लिए 52 नहीं, बल्कि 54 विधायकों को साथ रखा गया है ताकि अगर एक दो मत रिजेक्ट भी हो तो सीट जीतने में किसी तरह का कोई खतरा न रहे।
मॉक पोल के जरिए दी गई ट्रेनिंग
कांग्रेस विधायक दल की बैठक में नए विधायकों को मॉक पोल कर ट्रेनिंग भी दी गई। मतदान की पूरी प्रक्रिया से रूबरू कराया गया। ताकि 19 जून को होने वाले मतदान में किसी भी तरह से कोई गड़बड़ी न हो। 18 जून को कांग्रेस विधायक दल की बैठक में चार से पांच विधायकों ने गलत मतदान किया। जिसके बाद पर्यवेक्षक मुकुल वासनिक की मौजूदगी में सभी को मतदान की सही प्रक्रिया की ट्रेनिंग दी गई। मॉक पोल का मकसद मतदान के दौरान किसी भी विधायक का मत रिजेक्ट न हो।
बैठक में उपस्थिति दर्ज करा कर निकले विधायक लक्ष्मण सिंह
पहले दिन कांग्रेस विधायक दल की बैठक से नदारद रहे विधायक लक्ष्मण सिंह आज बैठक में पहुंचे तो जरूर लेकिन सिर्फ उपस्थिति दर्ज करा कर बाहर निकल आए। करीब एक से डेढ़ घंटे चली बैठक में विधायक लक्ष्मण सिंह महज 10 मिनट ही शामिल हुए। विधायक केपी सिंह ने लक्ष्मण सिंह के बैठक से जल्द वापस आने पर कहा कि लक्ष्मण सिंह को मतदान के लिए ट्रेनिंग की जरूरत नहीं है।
भाजपा को दो और कांग्रेस को एक सीट जीतना तय
राज्यसभा चुनाव में भाजपा से ज्योतिरादित्य सिंधिया, सुमेर सिंह सोलंकी और कांग्रेस से दिग्विजय सिंह और फूल सिंह बरैया राज्यसभा प्रत्याशी हैं। मध्य प्रदेश में 230 विधानसभा सीट हैं, जिनमें से 24 सीटों पर उपचुनाव होना है। 22 सीटों में विधायकों के दलबदल और 2 सीट विधायकों के निधन से खाली हुई है। फिलहाल भाजपा के पास 107 विधायक हैं और सपा, बसपा और निर्दलीय विधायकों (07) का समर्थन है। वहीं कांग्रेस के पास 92 विधायक हैं। राज्यसभा चुनाव में जीत के लिए एक प्रत्याशी को 52 मत चाहिए इस लिहाज से भाजपा के खाते में 52-52 यानी 104 के हिसाब से 2 सीटें जानी सुनिश्चित है। वहीं कांग्रेस राज्यसभा चुनाव में एक सीट हासिल कर रही है।
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