Congress complained to the Election commission: मप्र जन अभियान परिषद ने 1434 संस्थाओं के खाते में डाले 7 करोड़

भोपाल। प्रदेश कांग्रेस और कांग्रेस के विधि एवं मानव अधिकार विभाग ने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन से शिकायत की है। प्रदेश में विधानसभा चुनाव की आचार संहिता प्रभावशील हो जाने के बावजूद भी मप्र शासन के योजना, आर्थिक एवं साख्यिकी विभाग के अंतर्गत आने वाली मप्र जन अभियान परिषद ने 52 जिलों में वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए नवांकुर योजनांतर्गत वित्तीय वर्ष 2022-23 में चयनित स्वैच्छिक 1434 संस्थाओं (एनजीओ) को 50 हजार रुपए प्रति संस्था के मान से प्रथम किस्त कुल राशि 7 करोड़ 17 लाख रुपए उनके खातों में हस्तानांतरित की है जो आचार संहिता का सीधा उल्लंघन है। लिहाजा, यदि निर्वाचन आयोग निष्पक्ष है तो जन अभियान परिषद के विरूद्ध दिखाई देने वाली वैधानिक कार्यवाही करें।
आयोग ने नहीं किया समाधान
राज्य के पूर्व अतिरिक्त महाधिवक्ता एवं वरिष्ठ अभिभाषक अजय गुप्ता और प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष के.के. मिश्रा ने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी से पूछा है कि आखिरकार क्या कारण है कि आचार संहिता के विभिन्न प्रामाणिक उल्लंघनों की 300 शिकायतें पार्टी फोरम द्वारा चुनाव आयोग को की गई हैं। एक भी शिकायत का आयोग ने न तो संज्ञान लिया, न ही उसका समाधान किया।
नहीं दिया नोटिस
आश्चर्य की बात तो यह है कि आज तक संबंधित पक्ष को कारण बताओं नोटिस तक जारी नहीं किया गया। क्या यह उसकी निष्पक्षता का यही पैमाना है। यदि ऐसा ही होगा तो आयोग के गठन का औचित्य ही समाप्त हो जाएगा। कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल ने इस विषयक जन अभियान परिषद द्वारा अपने सभी संभागीय समन्वयकों को आचार संहिता प्रभावशील होने के बावजूद दिनांक 2 नवम्बर 2023 को लिखा गया पत्र और नवांकुर संस्थाओं को प्रथम किस्त के रूप में हस्तांतरित की।गई धनराशि से जुड़ा आदेश पत्र भी दिया है।
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