नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मामले में विवेक तन्खा बोले- यह केस CBI को सौंपा जाए, नहीं तो जायेंगे कोर्ट

जबलपुर। मध्यप्रदेश में जबलपुर की गैलेक्सी हॉस्पिटल कांड मामले में अब सियासत तेज हो गई है। इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट कर जमकर निशाना साधा है। वहीं कांग्रेस के पूर्व मंत्री लघन घनघोरिया ने भी प्रशासन को घेरा है। इस पर भाजपा के सांसद राकेश सिंह ने भी पलटवार किया है। वहीं राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा के ट्वीट से राजनीति गरमा गई है। विवेक तन्खा ने ट्वीट करते हुए कोर्ट में जाने की बात कही है।
विवेक तन्खा ने ट्वीट कर कहा है कि- 'सीएम शिवराज remdesivir एक मल्टी स्टेट स्कैम है। CBI जाँच होनी चाहिए। हज़ारों मरीज़ इस नक़ली इंजेक्शन के शिकार हुए होंगे। बहुत की मृत्यु भी हो गई होगी। आप के पार्टी से सम्बंधित लोग भी आरोप के घेरे में है। हेल्थ डिपार्टमेंट को पब्लिक करना चाहिए इस से सम्बंधित सब तथ्य। CBI को यह मल्टी स्टेट remdesivir स्कैम सौंपा जाये। ३००० हज़ार इंदौर आए और ३५०० हज़ार जबलपुर भी आए। दिल्ली, राजस्थान, छत्तीसगढ़ भी गए। अस्पतालों में किन और कितनो को लगे यह पब्लिक किया जाए। कौन बड़े लोग किन शहरों में लाये यह भी सामने आये। नहीं हुआ तो कोर्ट जायेंगे।'
इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ इस मामले में ट्वीट किया है कि- 'जबलपुर के गैलेक्सी अस्पताल में 5 मरीज़ों की दुखद मौत के बाद 24 घंटे में जांच कर रिपोर्ट देने की बात कही गई थी, लेकिन 16 दिन बीत जाने के बाद भी आज तक जांच पूरी नहीं हुई है। यह एक गम्भीर लापरवाही है, मृतक के परिजन न्याय मिलने का इंतज़ार कर रहे हैं?'
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने यह बात भी कही कि यह जानकारी भी सामने आई है कि अस्पताल ने रेड क्रॉस सोसायटी के माध्यम से 25 लाख रुपये का दान भी दिया है। यह संस्था सीधे कलेक्टर के दायरे में आती है, ऐसे में यह सवाल भी उठ रहा है कि जिस अस्पताल के ख़िलाफ़ 5 लोगों की मौत की जांच चल रही है, उससे यह दान राशि किन परिस्थितियों में व किस कारण से ली गई? सवाल यह भी है कि जब जांच चल रही है उसी समय यह दान देना और लेना कितना पारदर्शी है कहीं यह दान के रूप में प्रशासन को दी गई रिश्वत तो नहीं?'
नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने बयान दिया है कि- 'दवाई की कालाबाजारी और नकली इंजेक्शन बेचने वाले नरपिशाचों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी। कोई भी आरोपी कितने ही बड़े पद पर क्यों ना हो उसने ऐसा घिनौना कृत्य किया है, उसकी सजा उसको मिलकर ही रहेगी।'
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