पटवारी भर्ती घोटाले पर कांग्रेस ने नरोत्तम मिश्रा पर साधा निशाना, कांग्रेस नेता बोले गृहमंत्री दोषियों को बचाने में क्यों लगे हुए है

मध्यप्रदेश में व्यापामं घोटाले को इतने साल गुजर गए है लेकिन परीक्षाओं में गड़बड़ी और घोटाले के आरोप अभी भी लगाए जा रहे है। इस बार हाल ही में हुई मध्यप्रदेश में पटवारी की परीक्षा में भी कांग्रेस ने गड़बड़ी के आरोप लगाए थे । पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने ग्रुप 2 सब ग्रुप 4 के रिजल्ट पर सवाल उठाया था और गड़बड़ी का आरोप लगाया था । पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने मप्र सरकार पर बड़ा हमला करते हुए कहा था कि व्यापमं का नाम बदलने से घोटाले बंद नहीं होते, कार्रवाई करनी पड़ेगी।
गृहमंत्री दोषियों को बचाने में क्यों लगे हुए है
अरुण यादव ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर फिर से ट्वीट किया है और उसमें दो फोटो भी लगाई है। जिसमें उन्होंने शिवराज सरकार पर निशाना लगाते हुए कहा है कि, परिणाम से पहले हुई शिकायत पर अभी तक क्या कार्रवाई की गई। गृहमंत्री दोषियों को बचाने में क्यों लगे हुए है ? सगथ ही उन्होंने कहा है कि, पटवारी भर्ती परीक्षा में ऐसे हुआ था पूरा घोटाला, परिणाम से पहले हुई इस शिकायत पर अभी तक सरकार ने सिवाए अपराधियों को बचाने के अलावा क्या संज्ञान लिया ?
कांग्रेस प्रवक्ता अवनीश सिंह बुंदेला ने नरोत्तम मिश्रा पर साधा निशाना
दूसरी तरफ कांग्रेस प्रवक्ता अवनीश सिंह बुंदेला ने भी नरोत्तम मिश्रा पर निशाना साधा हे और कहा हे कि पटवारी भर्ती घोटाला उजागर होने पर पता नहीं क्यों लेकिन नरोत्तम मिश्रा जी बड़े परेशान है। रोज नए नए तर्क देकर वह साबित करना चाहते हैं कि कोई घोटाला नहीं हुआ है।
पटवारी भर्ती घोटाला के मुख्य कर्ताण्धर्ता कौन हैं
इस के संबंध में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने एक दिन पहले कहा कि सरकार ने नियुक्तियां रोकने का फैसला लेकर ये मान लिया है कि इन परीक्षाओं में बड़े पैमाने पर धांधली और घोटाला हुआ है। कमलनाथ ने पूछा कि पटवारी भर्ती घोटाला के मुख्य कर्ताण्धर्ता कौन हैं और उनका भारतीय जनता पार्टी से क्या संबंध है और अगर संबंध है तो वह कानून के शिकंजे में कब आएंगे।
सीएम ने नियुक्ति पर लगाई रोक
सीएम ने ट्वीट में लिखा कि कर्मचारी चयन मंडल द्वारा समूह 2 उप समूह 4 और पटवारी भर्ती परीक्षा के परीक्षा परिणाम में एक सेंटर के परिणाम पर संदेह व्यक्त किया जा रहा है. इस परीक्षा के आधार पर की जाने वाली नियुक्तियां अभी रोक रहा हूँ. सेन्टर के परिणाम का दोबारा परीक्षण किया जाएगा। सीएम के इस एक्शन के बाद प्रवेश में रोक तो लगा दी है। लेकिन उम्मीदवारों को फैसले का इंतज़ार है।
ग्वालियर के एनआरआइ कालेज आफ इंजीनियरिंग का है मामला
बता दें कि ये पूरा विवाद ग्वालियर स्थित एनआरआइ कालेज आफ इंजीनियरिंग एंड मैनेजमेंट में बने केंद्र के परिणाम को लेकर किया जा रहा है । इसी केंद्र के 114 अभ्यर्थियों का चयन हुआ है। यही नहीं, परीक्षा में टाप-10 अभ्यर्थियों में से सात इसी केंद्र से परीक्षा देने वाले अभ्यर्थी हैं। जिसको लेकर बुधवार से ही कैंडिड्ट्स फर्जीवाड़े को लेकर सरकार से इंसाफ की गुहार लगा रहे है।
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