कुमार विश्वास द्वारा आरएसएस को अनपढ़ कहने पर विवाद, भाजपा बोली- कथा करो, प्रमाण पत्र मत बांटो

कुमार विश्वास द्वारा आरएसएस को अनपढ़ कहने पर विवाद, भाजपा बोली- कथा करो, प्रमाण पत्र मत बांटो
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उज्जैन में विक्रमोत्सव कार्यक्रम के तहत 21 से 23 फरवरी तक चल रही रामकथा में कथा वाचक कुमार विश्वास ने बजट का उल्लेख करते हुए आरएसएस को अनपढ़ और वामपंथियों को कुपढ़ कह दिया। भाजपा ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। पार्टी के प्रवक्ता राजपाल सिसोदिया ने कहा कि कुमार विश्वास कथा करने आए हैं तो कथा करें, प्रमाण पत्र बांटने का काम न करें। भाजपा के कुछ अन्य नेताओं ने भी इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। खास बात यह है कि कुमार विश्वास ने जब यह बात कही तब लोगों ने जमकर तालियां बजाई, इस दौरान वहां भाजपा सरकार के मंत्री मोहन यादव और भाजपा सांसद अनिल फिरोजिया सहित भाजपा के कई नेता भी मौजूद थे।

भोपाल। उज्जैन में विक्रमोत्सव कार्यक्रम के तहत 21 से 23 फरवरी तक चल रही रामकथा में कथा वाचक कुमार विश्वास ने बजट का उल्लेख करते हुए आरएसएस को अनपढ़ और वामपंथियों को कुपढ़ कह दिया। भाजपा ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। पार्टी के प्रवक्ता राजपाल सिसोदिया ने कहा कि कुमार विश्वास कथा करने आए हैं तो कथा करें, प्रमाण पत्र बांटें। भाजपा के कुछ अन्य नेताओं ने भी इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। खास बात यह है कि कुमार विश्वास ने जब यह बात कही तब लोगों ने जमकर तालियां बजाई, इस दौरान वहां भाजपा सरकार के मंत्री मोहन यादव और भाजपा सांसद अनिल फिरोजिया सहित भाजपा के कई नेता भी मौजूद थे।

बजट को लेकर कही यह बात

बजट प्रसंग का जिक्र करते हुए कुमार विश्वास ने कहा कि एक बजट आने वाला था। मेरे साथ काम करने वाले एक लड़के, जो आरएसएस में भी काम करता है, आकर बाेला कि-बताइए बजट कैसा आएगा। मैंने कहा कि आप लोगों ने राम राज्य वाली सरकार चुनी है तो बजट भी राम राज्य वाला आएगा। लड़का बोला, राम राज्य में बजट कहां होता था। मैंने कहा समस्या यही है कि वामपंथियों ने सब पढ़ा है लेकिन गलत पढ़ा है। वे कुपढ़ हैं लेकिन आप लोग अनपढ़ हो। कुछ पढ़ा ही नहीं। ये सिर्फ बोलते हैं- हमारे वेदों में... देखे नहीं हैं कि कैसे हैं। भाई पढ़ भी लो। तो बोले रामराज्य में किस बात का बजट।

विश्वास ने किया राम राज्य के बजट का जिक्र

कुमार विश्वास ने कहा कि बाल्मीकि रामायण के बाद अध्यात्म रामायण में इसका उल्लेख है कि भगवान राम ने भरत को अयोध्या का राज चलाने के लिए कैसे बजट के बारे में बताया। भगवान ने कहा राजा भरत से- बेटा टैक्स कैसे ले रहे हो, पैसा-वैसा सब ठीक है। भरत ने कहा- हां, जैसे टैक्स लेते हैं। भगवान ने कहा- नहीं, हम सूर्यवंशी हैं। हमको टैक्स ऐसे लेना चाहिए, जैसे सूरज लेता है। भरत ने पूछा- भैया सूरज कैसे टैक्स लेता है। संघ और भाजपा को इस बजट के बारे में पढ़ना और जानना चाहिए।

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