अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही से कोरोना मरीज की मौत ! सीएम ने दिए जांच के आदेश

अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही से कोरोना मरीज की मौत ! सीएम ने दिए जांच के आदेश
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मुख्यमंत्री ने कहा कि यह घटना अमानवीय और निंदनीय है। पढ़िए पूरी खबर-

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कोरोना संक्रमित मरीज को अस्पताल के बाहर छोड़ने के दौरान हुई मौत की घटना को गंभीरता से लिया है। उन्होंने इस घटना को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए घटना की जांच के आदेश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह घटना अमानवीय और निंदनीय है। घटना के दोषी लोगों के विरुद्ध कार्रवाई की जाए। इसके साथ ही बाजारों में भीड़ रोकने, डिस्टेंसिंग, मास्क का उपयोग अनिवार्य रूप से करने व कहीं भी थूकने की प्रवृति पर पूरी तरह अंकुश लगाने को कहा है।

मुख्यमंत्री चौहान वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए प्रदेश में कोरोना की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि साढ़े तीन माह से कोरोना पर नियंत्रण के कार्य के साथ ही एक-एक रोगी का उपचार सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ हो रहा है। कोविड केयर सेंटर सुचारु रूप से कार्य कर रहे हैं। प्रतिदिन जिले से लेकर राज्य स्तर की गहन समीक्षा की जा रही है। ऐसी स्थिति में किसी रोगी को गंभीर स्थिति में अस्पताल प्रबंधन, एम्बुलेंस संचालक या किसी भी अन्य व्यक्ति के अपने हाल पर छोड़ दिए जाने की घटना बहुत गंभीर है। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि इस घटना के दोषी व्यक्तियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस ने कोरोना वायरस की मॉनीटरिंग में खण्डवा जिले में हुए नवाचार को अन्य जिलों में अपनाए जाने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि जिस तरह भोपाल में शुरूआत में बाहर से आए व्यक्तियों के आगमन के बाद आवश्यक एहतियात बरती गई और कांटेक्ट ट्रेसिंग का कार्य नियमित हुआ, उसे अभी भी अमल में लाना चाहिए। खंडवा जिले में अब तक 7105 सैंपल लिए गए हैं। कुल 358 पॉजीटिव केस हैं, जिनमें 64 एक्टिव केस हैं। मुख्यमंत्री ने कहा मुरैना-ग्वालियर, भिण्ड-शिवपुरी में अभी भी पूर्ण सावधानी बरतने की जरूरत है।

मुख्यमंत्री ने जिलेवार जानकारी प्राप्त की

मुख्यमंत्री ने कहा संदिग्ध कोरोना रोगियों की शीघ्र पहचान और कान्टेक्ट ट्रेसिंग कार्य पूरी गंभीरता से जारी रहे। किल कोरोना अभियान में घर-घर पहुंचकर सर्वे दल सैंपलिंग का कार्य बढ़ाएं। अधिक से अधिक सैंपल लिए जाने से वायरस के नियंत्रण का कार्य आसान होगा। सर्दी-खांसी जुकाम के लक्षणों वाले व्यक्तियों में जो गंभीर दिखायी दें। उनका सैंपल लेकर अविलंब उपचार पशुरू करें। उन्होंने कोविड -19 नियंत्रण प्रयासों की जिलेवार जानकारी प्राप्त की। खण्डवा जिले की समीक्षा करते हुए उन्होंने खण्डवा मेडिकल कॉलेज के टेस्टिंग और उपचार कार्य की जानकारी ली। कलेक्टर ने बताया कि जिले में किल-कोरोना अभियान के तहत डोर-टू-डोर सर्वे के कार्य के अलावा मेडिकल स्टोर के माध्यम से सर्दी-खांसी और बुखार के रोगियों को चिन्हित कर संबंधित परिवारों की स्वास्थ्य जांच करवाई गई है।

खंडवा की तर्ज पर खरगोन को कार्य करने को कहा

खरगोन में उपलब्ध बिस्तर क्षमता का 12 फीसदी ही उपयोग में आ रहा है। 3268 व्यक्ति होम क्वारेंटाइन किए गए हैं। जिले में 83 कंटेन्में ट क्षेत्र बनाए गए हैं। कुल 358 सर्वे दल कार्य कर रहे हैं। वर्तमान में 16 फीवर क्लीनिक संचालित हैं। सर्वे दल को 103 कोरोना के संदिग्ध रोगी मिले हैं। इसके साथ ही 7 मलेरिया और 1 डेंगू रोगी की जानकारी भी सामने आई है। कांटेक्ट ट्रेसिंग का कार्य किया जा रहा है। एसीएस स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान ने प्रत्येक पॉजीटिव रोगी की कांटेक्ट ट्रेसिंग करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कलेक्टर खरगोन को निर्देश दिए कि खंडवा में किए गए कार्य की तर्ज पर रोगियों को लक्षण के आधार पर चिन्हित करने का कार्य किया जाए।

अभी प्रतिदिन 10 लाख पर 1516 टेस्ट

समीक्षा बैठक में जानकारी दी गई कि प्रदेश में इस पखवाड़े प्रति मिलियन 1516 टेस्ट किए जा रहे हैं। अप्रैल में यह संख्या मात्र 26 थी। हर पखवाड़े यह संख्या बढ़कर क्रमश: 222, 466, 816, 878, 1204 हुई। बीते पखवाड़े अर्थात 22 जून से 7 जुलाई के मध्य हुए टेस्ट में यह प्रति मिलियन टेस्ट की संख्या 1500 को पार कर गई है। प्रदेश में इस सप्ताह करीब साढ़े तीन करोड़ व्यक्तियों का किल-कोरोना अभियान के अंतर्गत सर्वे किया गया है। सर्वे में अब तक लगभग 57 हजार नागरिक संदिग्ध पाए गए, 27 हजार 808 लोगों के सेंपल लिए गए हैं। सोमवार को कुल 6 हजार 543 सैंपल लिए गए। इनमें से 403 व्यक्ति पॉजीटिव पाए गए, जिनका उपचार किया जा रहा है।

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