बिना लक्षण का कोरोना भी जानलेवा, अन्य अंगों पर होता है असर, युवा और उम्रदराज मरीज की मौत

बिना लक्षण का कोरोना भी जानलेवा, अन्य अंगों पर होता है असर, युवा और उम्रदराज मरीज की मौत
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मध्यप्रदेश के भोपाल में कोरोना से जान गंवाने वाले दो मरीजों की कहानी अलग है। दोनों एसिम्टोमेटिक लेकिन उन पर अन्य बीमारियां हो गई थीं हावी। लोगों का मानना है कि इस बार कोरोना ज्यादा गंभीर नहीं हैं क्योंकि 95 फीसदी मरीज एसिम्टोमेटिक हैं और होम आईसोलेशन में हैं। लेकिन विशेषज्ञ इससे इत्तेफाक नहीं रखते। विशेषज्ञों का कनना है कि कभी कभी एसिम्टोमेटिक कोरोना भी गंभीर दर्द दे सकता है। सोमवार को दर्ज इस साल की सबसे युवा कोरोना मरीज की मौत हुई, वे एसिम्टोमेटिक थीं। वहीं सप्ताह भर कोरोना से जिंदगी हारने वाली सबसे उम्रदराज मरीज को भी कोरोना के कोई लक्षण नहीं थे।

भोपाल। कोरोना की तीसरी लहर चरम पर है, हर दिन दो हजार से ज्यादा मरीज सामने आ रहे हैं। यही नहीं पॉजीटिविटी रेट भी बढ़कर 26 से ज्यादा हो गया है। हालांकि लोगों का मानना है कि इस बार कोरोना ज्यादा गंभीर नहीं हैं क्योंकि 95 फीसदी मरीज एसिम्टोमेटिक हैं और होम आईसोलेशन में हैं। लेकिन विशेषज्ञ इससे इत्तेफाक नहीं रखते। विशेषज्ञों का कनना है कि कभी कभी एसिम्टोमेटिक कोरोना भी गंभीर दर्द दे सकता है। सोमवार को दर्ज इस साल की सबसे युवा कोरोना मरीज की मौत हुई, वे एसिम्टोमेटिक थीं। वहीं सप्ताह भर कोरोना से जिंदगी हारने वाली सबसे उम्रदराज मरीज को भी कोरोना के कोई लक्षण नहीं थे।

डायलिसिस से पहले टेस्ट में पॉजीटिव, दो दिन में मृत्यु

सोमवार को 30 साल की प्रियंका की मृत्यु दर्ज की गई। उनके भाई ने बताया कि बीते साल जुलाई में उनका किडनी ट्रांसप्लांट किया गया था। कुछ दिन पहले वे रुटीन डायलिसिस के लिए अस्पताल गई तो बताया कि ब्लडप्रेशर कम है, एडमिट करना पड़ेगा। एडमिट करने के लिए नियमानुसार कोविड टेस्ट कराया जो पॉजीटिव आया। हालांकि प्रियंका को कोरोना के कोई लक्षण नहीं थे, लेकिन ब्लड प्रेशर और ऑर्गन फँैलियर के चलते उनकी मृत्यु हो गई।

सावधानी के चलते कराया टेस्ट, पॉजीटिव आई और मृत्यु

इस साल सबसे बुजुर्ग मरीज 95 साल की जानकी बाई को भी कोविड के कोई लक्षण नहीं थे। उनके पोते के अनुसार परिवार में कई लोगों कोविड पॉजीटिव हो चुुके थे। उन्होंने बताया कि दादी कुछ खा नहीं रहीं थी तो सोचा की अस्पताल में ग्लूकोज लगवा दें ताकि कुछ ताकत मिले। अस्पताल पहुंचे तो कोविड टेस्ट में वे पॉजीटिव आ गई। करीब दस दिन भर्ती रहने के बाद उनकी मृत्यु हो गई। डॉक्टरों के मुताबिक मृत्यु का कारण ऑर्गन फैलियर ही था।

विशेषज्ञों का कहना है

श्वास रोग विशेषज्ञ डॉ. पराग शर्मा का कहना है कि वायरस अपना असर जरूर दिखाता है, बार मरीजों को दूसरी दिक्कतें भी रहती हैं। एेसे में अगर कोई अन्य दिक्कत हो रही हो तो टेस्ट जरूर करा लें। थोड़ी सी भी परेशानी हो तो उसे हल्के में नालें।

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