निजी लैब में अब 1980 में नहीं 150 रुपए में होगी कोरोना की आरटीपीसीआर टेस्ट

निजी लैब में अब 1980 में नहीं 150 रुपए में होगी कोरोना की आरटीपीसीआर टेस्ट
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भोपाल। कोरोना की तीसरी लहर के संक्रमण को पूरी तरह नियंत्रित करने के लिए स्वास्थ्य विभाग अब रैपिड एंटीजन टेस्ट के बजाय आरटीपीसीआर जांच पर ही फोकस कर रहा है। इसकी वजह यह है कि रैपिड जांच की सटीकता कम है। लिहाजा सरकार ने रैपिड एंटीजन टेस्ट पर रोक लगा दी है। अब राजधानी समेत प्रदेश में आरटीपीसीआर टेस्ट ही कराए जाएंगे। फीवर क्लीनिक के अलावा मोबाइल टेस्टिंग वैन से आरटीपीसीआर की जांच होगी। स्वास्थ्य विभाग ने टेंडर के जरिए आउटसोर्स लैब का चयन किया है। इसमें 150 रुपए प्रति सैंपल के हिसाब से स्वास्थ्य विभाग की ओर से आउटसोर्स कंपनी को भुगतान किया जाएगा। स्वास्थ्य आयुक्त सुदाम खाडे ने सभी जिलों के कलेक्टर, सीएमएचओ और सिविल सर्जन को पत्र लिखकर आरटीपीसीआर सैंपल का डेली टारगेट और मैप की गई लैब की सूची भेजी है। मालूम हो कि कोरोना संकट के शुरूआती दौर में प्रदेश में जांच की व्यवस्था न होने पर आउटसोर्स कंपनी से 1980 रुपए प्रति सैंपल के हिसाब से जांच करानी पड़ रही थी।

- रोज होगी 5 हजार सैंपलों की जांच

सीएमएचओ डॉ प्रभाकर तिवारी ने बताया कि राजधानी भोपाल में रोज 5 हजार सैंपल की आरटीपीसीआर जांच की जाएगी। इसके लिए रोज के टारगेट के साथ ही सरकारी मेडिकल कालेज की लैब और आउटसोर्स लैब को मैप किया गया है। तीन आउटसोर्स लैब को जांच का काम सौंपा गया है। मेडिकल कालेज की लैब से मैप जिलों के अलावा करीब डेढ़ दर्जन जिलों के सैंपल डायरेक्ट आउटसोर्स लैब में जांचने के लिए भेजे जाएंगे।

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