निगम के तीनों एबीसी सेंटर तैयार, अगले माह से स्ट्रीट डाग की शुरू होगी नसबंदी, हैदराबाद मॉडल पर अमल

भोपाल। राजधानी भोपाल में स्ट्रीट डॉग की आबादी कंट्रोल करने के लिए तीन स्थानों पर नगर निगम द्वारा एनीमल बर्थ कंट्रोल सिस्टम बनाए जा रहे हैं। यह सेंटर बनकर तैयार हो चुके हैं और अगले माह से इन सेंटरों पर स्ट्रीट डॉग की नसबंदी होने लगेगी। शहर में एक लाख से ज्यादा ऐसे स्ट्रीट डॉग हैं, जिनकी नसबंदी नहीं हुई है। इस कारण शहर में हर रोज 50 से ज्यादा स्ट्रीट डॉग जन्म लेते हैं। इसके मुकाबले दिनभर में औसतन 30 स्ट्रीट डॉग की ही नसबंदी हो पाती है। नगर निगम अधिकारियों का दावा है कि स्ट्रीट डॉग्स पर कंट्रोल करने के लिए हैदराबाद मॉडल अपनाया जा रहा है।
अलग-अलग जगह बन रहे हैं सेंटर
हैदराबाद मॉडल के तहत नगर निगम शहर के अलग.अलग इलाकों में तीन एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटर (एबीसी सेंटर) बना रहा है। दावा है कि इससे हररोज 150 से ज्यादा स्ट्रीट डॉग की नसबंदी हो सकेगी। इस तरह आने वाले डेढ़ से दो साल में शहर में स्ट्रीट डॉग की आबादी काबू होने का अनुमान है। अभी शहर में एकमात्र एबीसी सेंटर है।
अभी यह है आवारा कुत्तों की स्थिति
70 से ज्यादा डॉग बाइटिंग के केस शहर में रोज होते हैं
30 नसबंदी एक दिन में एबीसी सेंटर में
50 से ज्यादा नए स्ट्रीट डॉग शहर में रोज लेते हैं जन्म
1.20 करोड़ में बनाए जा रहे हैं 3 एबीसी
इन स्थान पर बन रहे सेंटर
कजलीखेड़ा कोलार रोड, अरवलिया, भोपाल बायपास, आदमपुर छावनी रायसेन
हैदरबाद मॉडल से लाभ
हैदराबाद मॉडल से मिलेगी सफलता, क्योंकि दो साल पहले तक हैदराबाद में डॉग बाइटिंग बड़ी समस्या थी। ऐसे में प्रशासन ने एबीसी की संख्या बढ़ाई और संचालन का जिम्मा एक के बजाय चार संस्थाओं को दिया। नतीजा यह हुआ कि यहां हररोज नसबंदी की संख्या 100 से बढ़कर 300 हो गई और स्ट्रीट डॉग की संख्या नियंत्रण में आ गई।
इनका कहना है
भोपाल में एबीसी सेंटर का काम लगीाग पूरा हो गया है। जल्दी ही यहां स्ट्रीट डॉग की नसबंदी शुरू हो जाएगी।
वीएस चौधरी कोलसानी, कमिश्नर ननि भोपाल
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