मध्यप्रदेश के बहुचर्चित भय्यू महाराज सुसाइड केस में कोर्ट का फैसला, जेल में बंद तीन आरोपियों को 6-6 साल की सजा

भोपाल। मध्यप्रदेश के इंदौर शहर में बहुचर्चित संत भय्यू महाराज द्वारा की गई आत्महत्या के मामले में शुक्रवार को कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया। कोर्ट ने मुख्य सेवादार विनायक, ड्राइवर शरद और केयरटेकर पलक को दोषी ठहराया और तीनों को 6-6 साल कैद की सजा सुनाई है। मॉडलिंग से अध्यात्म, वहां से प्यार-तकरार, फिर शादी और अंतत: सुसाइड तक इस संत ने अपने जीवन का सफर तय किया। इनकी ख्याति इस कदर थी कि इन्होंने तत्कालीन यूपीए सरकार के दौरान प्रसिद्ध समाजसेवी अन्ना हजार के बीच समझौता कराकर अन्ना का अनशन तुड़वाया था और नरेंद्र मोदी ने जब पहली बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी, तब प्रमुख अतिथियों में भय्यू महाराज भी शामिल थे।
साढ़े तीन साल पहले की थी आत्महत्या
भय्यू महाराज ने लगभग साढ़े तीन साल पहले 12 जून 2018 को अपनी कनपटी पर गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। वजह उनका इश्क के चक्कर में पड़ना था। पहली पत्नी की मृत्यु के बाद पहले वे केयरटेकर पलक की गिरफ्त में आए। इसके बाद डा. आयुषी के प्यार में फंसे और शादी करना पड़ी। इस बीच पलक भी शादी के लिए दबाव बनाने लगी। मामला इस कदर बढ़ा और भय्यू महाराज इतना तनाव में आए कि उन्हें आत्महत्या जैसा आत्मघाती कदम उठाना पड़ गया। पहली पत्नी से उनकी एक बेटी कुहू है, जिसे पूरे घटनाक्रम की जानकारी बाद में लगी। इसके बाद वह भी महाराज से नाराज हो गई थी।
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