मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार के राज में भूखी नहीं रहेगी गाय माता, उठाया यह कदम

मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार के राज में भूखी नहीं रहेगी गाय माता, उठाया यह कदम
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प्रदेश की सड़कों पर अब गाय माता नजर नहीं आएगी। इसके अलावा भूखी भी नहीं रहेंगी। ग्राम स्तर पर गौशाला बनाई गई हैं। गाय माता के चारे के लिए सरकार ने राशि जारी की है।

राज्य सरकार ने प्रदेश के निराश्रित और भटके हुए गौ-वंश के चारा, भूसा और पशु आहार (सुदाना) के लिए इस वर्ष 132 करोड़ 71 लाख रुपए पंजीकृत शासकीय और अशासकीय गौ-शालाओं को अनुदान के रूप में वितरित किए हैं। इसमें से पिछले दिनों अंतिम किश्त 66 करोड़ रुपए की राशि सभी जिलों के गौ-पालन एवं पशुधन समितियों के बैंक खातों में आरटीजीएस के जरिए ट्रांसफर कर दी गई है।

गौ-संवर्द्धन बोर्ड कार्य परिषद के अध्यक्ष स्वामी अखिलेश्वारनंद गिरी ने बताया कि सभी जिला समितियों को निर्देशित किया गया है कि गौ-संवर्द्धन बोर्ड की ओर से पंजीकृत सभी शासकीय और अशासकीय गौ-शालाओं को यथाशीघ्र राशि वितरित कर दें। प्रदेश में 1665 पंजीबद्ध गौ-शालाएं क्रियाशील हैं। इनमें 2 लाख 87 हजार गौ-वंश है।

नवीन ग्राम स्तरीय गौ-शालाएं बनेंगी निराश्रित गौ-वंश का आश्रय

स्वामी गिरी ने बताया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में दिसम्बर 2022 में लिए गए निर्णय के परिप्रेक्ष्य में प्रदेश के जिन गांवों में ग्राम पंचायत स्तर पर नवीन गौ-शालाएं बन कर तैयार हो गई हैं, उनमें बेसहारा गौ-वंश को रखकर देखभाल की जाएगी। चारा भूसा की अतिरिक्त अनुदान राशि से गौ-शालाओं का संचालन किया जाएगा। इसके लिए स्थानीय निकाय एवं आम नागरिकों का सहयोग भी लिया जाएगा। इससे किसानों के खेतों की फसल सुरक्षा के साथ गौ-वंश संरक्षण भी बेहतर होगा। वहीं निराश्रित गौ-वंश के सड़क पर न बैठने से दुर्घटनाओं में भी कमी आएगी।

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