Shree Hanumantakatha Bhopal : पहले दिन नरेला में उमडा जन सैलाब, पाँच लाख श्रद्धालुओं ने सुनी श्री हनुमंतकथा

भोपाल। राजधानी के नरेला विधानसभा क्षेत्र में स्व. कैलाश सारंग व श्रीमती प्रसून की पुण्य-स्मृति में आयोजित श्री हनुमंत कथा के प्रथम दिवस बागेश्वरधाम पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि इस संसार में सबसे बड़ा वक्ता व श्रोता श्री हनुमान जी महाराज हैं। इसीलिए जीवन की हर सफलता के लिए हनुमान भक्ति ही एकमात्र उपाय है। जो हनुमान का भक्त होता है उसे राज्य भी मिलता है और राम भी। पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि हर मनुष्य सुखी होना चाहता है इसी के दृष्टिगत यहां आयोजित कथा का विषय संदर्भ इस चौपाई पर आधारित है-
“सब सुख लहें तुम्हारी सरना। तुम रक्षक काहू को डरना।।“
पंडित शास्त्री ने कहा कि मनुष्य कि कामनाओं का अंत नहीं है। वह कामनाओं की पूर्ति में सुख की आकांक्षा करता हैं, लेकिन सुख सदैव राम रस से प्राप्त होतें हैं, काम रस से नहीं। उन्होंने आवाहन किया कि मनुष्य को काम रस में नहीं बल्कि राम रसमय जीवन जीना चाहिए क्योंकि संसार में शाश्वत सुख की प्राप्ति राम भक्ति से ही संभव है इस दुनिया में बहुत से लोग ऐसे हैं जो सम्पन्न तो हैं लेकिन सुखी नहीं है। उनके पास बंगला, मोटर, कार, धन, संपदा सब कुछ है लेकिन शांति नहीं हैं, उनकी आंखों में नींद नहीं है। ऐसे लोगों को काम रस छोडकर राम रस में जीना चाहिए।
बागेश्वर बालाजी की कृपा से धन्य
कथा के आरंभ में चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग व सभी परिवारजनों ने व्यासपीठ की पूजन की। कथा का आरंभ करते हुए पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कथा पंडाल में उमड़े पांच लाख से अधिक श्रृद्धालुओं के जन सैलाब को सम्बोधित करते हुए कहा कि बोलो- सीताराम हनुमान, साधु जी सीताराम। जय सन्यासी बाबा, जय बागेश्वर धाम।
कथा स्थल पर होगा गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन
मंत्री सारंग ने बताया कि 28 सितंबर को कथा स्थल पर ही सुबह 10 बजे से दिव्य दरबार लगेगा। जिसके बाद 2 बजे से श्री हनुमंत कथा होगी। वहीं अनंत चतुर्दशी के अवसर पर श्री गणेश भगवान के पूजन के साथ ही गणेश विसर्जन भी होगा। यहां भोपालवासी अपने घरों में विराजे श्री गणेश की प्रतिमाओं का विसर्जन कर सकेंगे। इसके लिये कथा स्थल पर विसर्जन कुंड भी बनाये गये हैं।
प्रेरक वचन
कथा में पंडित शास्त्री ने कुछ इस तरह लोगों को भक्ति ज्ञान भी दिया है।
- सुख प्राप्त करना सरल है लेकिन उन्हें सुरक्षित रखना हनुमान कृपा से ही संभव है।
- हनुमंत कथा श्रवण करने आए सभी संत व बृाह्मणों को नाक रगड़कर प्रणाम सभी श्रृद्धालुओं को सीताराम।
- कुछ वी.आई.पी. भी बैठे हैं, वे अंदर आने लड़े हैं, फिर भी बालाजी के दरबार में पड़े हैं।
श्रृद्धालुओं के ठहरने और भोजन की निःशुल्क व्यवस्था
श्री हनुमंत कथा का श्रवण करने के लिए भोपाल मध्यप्रदेश के अलावा मुंबई महाराष्ट्र, गुजरात, चंडीगढ़, उत्तरप्रदेश, राजस्थान, दिल्ली आदि राज्यों से भी बडी संख्या में श्रद्धालु आए हैं। जिनके ठहरने और भोजन की निशुल्क व्यवस्था भी की गई है।
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