भोपाल के बड़े तालाब को प्रदूषित कर रहा है क्रूज, वन विहार के जानवरों के लिए भी बना परेशानी, जांच रिपोर्ट में खुलासा

भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के बड़े तालाब में क्रूज के कारण न केवल जल प्रदूषण हो रहा है। बल्कि क्रूज पर तेज आवाज में बजने वाले डीजे के कारण ध्वनि प्रदूषण भी हो रहा है। क्रूज के तीन डीजल इंजनों से तालाब में रिस रहे आइल और डीजल के कारण जलीय जीवों के लिए खतरा पैदा हो गया है। वहीं तेज आवाज में बजने वाले गानों से वन विहार के वन्य प्राणियों को भी परेशानी हो रही है। यह खुलासा केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण मंडल की दो दिवसीय जांच के बाद एनजीटी को सौंपी रिपोर्ट में हुआ है। मंडल ने पिछले माह 7 और 8 फरवरी को क्रूज का बारीकी से निरीक्षण किया था। इस दौरान क्रूज से होने वाले प्रदूषण की बारीकी से समीक्षा करने पर यह खुलासे हुए हैं। एक माह बाद मंडल ने अपनी रिपोर्ट 10 मार्च को एनजीटी को सौंपते हुए कहा है कि क्रूज के संचालन में पर्यावरण संरक्षण के लिए बनाए कई नियमों को धड़ल्ले से तोड़ा जा रहा है।
अपनी रिपोर्ट में सीपीसीबी ने तमाम खामियों को दूर करने और डीजल इंजन की जगह किसी नवीन ऊर्जा का उपयोग बोट के संचालन में करने की सलाह दी है।
इस तरह वातावरण को प्रदूषित कर रहा है क्रूज :
1. क्रूज के तीन डीजल इंजनों से वायु प्रदूषण हो रहा है।
2. तीनों इंजनों से आइल और डीजल सीधे तालाब के पानी में मिल रहा है।
3. क्रूज के डस्टबिन में गीला और सूखा कचरा अलग अलग नहीं डाला जा रहा।
4. क्रूज का वेस्ट वाटर सीधे तालाब में डाला जा रहा है।
5. 450 वॉट के दो साउंड बॉक्स से तेज आवाज में संगीत बजाया जा रहा है।
6. इंजन का कूलिंग वाटर और वाश बेसिन का पानी सीधे तालाब में मिल रहा है।
7. क्रूज के शौचालय का सीवेज भी सीधे बड़े तालाब में छोड़ा जा रहा है।
इन नियमों को तोड़ रहा क्रूज
सीपीसीबी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि क्रूज के संचालन के दौरान खतरनाक अपशिष्ट प्रबंधन नियम 2016, ठाेस अपशिष्ट प्रबंधन नियम 2000, वॉटर एक्ट 1974, एयर एक्ट 1981 का उल्लंघन किया जा रहा है। इसके अलावा वेटलैंड अथॉरिटी के मोटर बोट न चलाने वाले सुझाव को भी क्रूज के संचालन के समय पूरी तरह से दरकिनार कर दिया गया है।
एमपीपीसीबी ने कहा था नहीं हो रहा प्रदूषण
इसके पहले मप्र राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल (एमपीपीसीबी) ने अपनी जांच रिपोर्ट एनजीटी में सौंपते हुए कहा था कि क्रूज के संचालन से बड़े तालाब को कोई नुकसान नहीं हो रहा है। अपनी रिपोर्ट में एमपीपीसीबी ने कहा था कि क्रूज के संचालन से किसी तरह का प्रदूषण नहीं हो रहा था। मौके पर हमें किसी भी तरह का प्रदूषण नहीं मिला। इस रिपोर्ट का याचिकाकर्ता डाॅ. सुभाष सी पांडेय ने विरोध करते हुए सीपीसीबी से जांच कराने की मांग की थी।
इनका कहना है
क्रूज के संचालन में कई खामियां हैं। जब मैंने इन खामियों को एनजीटी के समक्ष रखा था, तो मप्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने इन खामियों को मानने से मना कर दिया था। लेकिन केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने इन सभी खामियों पर मुहर लगा दी है।
- डॉ. सुभाष सी पांडेय, पर्यावरणविद् एवं याचिकाकर्ता
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