संस्कृति मंत्री ऊषा ठाकुर ने कहा- बाबा साहेब के संपूर्ण व्यक्तित्व को समाज के सामने लाएगी पुस्तक

संस्कृति मंत्री ऊषा ठाकुर ने कहा- बाबा साहेब के संपूर्ण व्यक्तित्व को समाज के सामने लाएगी पुस्तक
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मनुष्य जीवन जितना कसौटी के ऊपर कसा जाता है उससे उतनी अधिक सफलता प्राप्त होती है इसका उदाहरण राष्ट्र ऋषि भीमराव अंबेडकर हैं। यह बात मध्यप्रदेश शासन की संस्कृति पर्यटन मंत्री सुश्री उषा ठाकुर ने 'राष्ट्र ऋषि बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर' पुस्तक के विमोचन अवसर पर कही। उन्होंने कहा कि निखिलेश महेश्वरी की पुस्तक 'राष्ट्र ऋषि बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर' काफी परिश्रम और अनुसंधान से लिखी गई है। यह पुस्तक बाबा साहब के संपूर्ण व्यक्तित्व को समाज के सामने लेकर आएगी।

भोपाल। मनुष्य जीवन जितना कसौटी के ऊपर कसा जाता है उससे उतनी अधिक सफलता प्राप्त होती है इसका उदाहरण राष्ट्र ऋषि भीमराव अंबेडकर हैं। यह बात मध्यप्रदेश शासन की संस्कृति पर्यटन मंत्री सुश्री उषा ठाकुर ने 'राष्ट्र ऋषि बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर' पुस्तक के विमोचन अवसर पर कही। उन्होंने कहा कि निखिलेश महेश्वरी की पुस्तक 'राष्ट्र ऋषि बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर' काफी परिश्रम और अनुसंधान से लिखी गई है। यह पुस्तक बाबा साहब के संपूर्ण व्यक्तित्व को समाज के सामने लेकर आएगी।

बाबा साहेब मानव से महामानव की श्रेणी में

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत संघचालक अशोक पांडे ने पुस्तक के संबंध में अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि पुस्तक का शीर्षक राष्ट्र ऋषि बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के जीवन के लिए एक बहुत ही उपयुक्त उपाधि है। लेखक ने जिस तरह से डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के अनछुए पहलुओं को इसमें समाहित किया है उससे अंबेडकर जी मानव से महामानव की श्रेणी में आते हैं। उन्होंने अपने मंतव्य को व्यक्त करते हुए कहा कि बाबा साहब हमारे जीवन के लिए प्रेरणा हैं। वह सर्वांग पुरुष थे। जो लोग बाबा साहब के नाम पर समाज को तोड़ना चाहते हैं वह बाबा साहब के बारे में अधूरी व भ्रामक जानकारी लगातार परोस रहे हैं। यह पुस्तक निश्चित ही उनके विचारों में परिवर्तन कर समाज को नई दिशा प्रदान करेगी।

कुछ संगठनों भ्रांतियां फैलाईं

मध्य प्रदेश साहित्य अकादमी के निदेशक डॉक्टर विकास दवे ने कहा कि आजकल दलित विमर्श में कुछ तथाकथित संगठनों द्वारा भ्रांतियां फैलाई जा रही हैं जबकि बाबा साहब ने देश को सामाजिक समरसता का संदेश दिया है। उन्होंने देश की एकता अखंडता के लिए कार्य किया है। गीता से प्रेरणा लेकर उन्होंने सत्याग्रह किया था। बाबा साहब उन्होंने माना कि बाबा साहब विद्वान तर्क शास्त्री थे।

करुणाधाम आश्रम के पीठाधीश्वर सुदेश शांडिल्य, डॉक्टर भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ प्रकाश बरतुनिया मुख्य रूप से मंचासीन रहे। पुस्तक की प्रस्तावना अर्चना प्रकाशन के निदेशक ओमप्रकाश गुप्ता ने रखी, कार्यक्रम का संचालन विद्या भारती के प्रादेशिक सचिव शिरोमणि दुबे एवं आभार अर्चना प्रकाशन के प्रबंध न्यासी माधव सिंह दांगी ने माना।

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