Damoh Hijab Case : स्कूल की ‘मान्यता’ निलंबित, सीएम ने कहा कि मनमर्जी से ड्रेस कोड लागू नहीं हो सकता

Damoh Hijab Case : स्कूल की ‘मान्यता’ निलंबित, सीएम ने कहा कि मनमर्जी से ड्रेस कोड लागू नहीं हो सकता
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एक निजी स्कूल पर आरोप था कि यहां हिंदू छात्राओं को भी हिजाब पहनने पर मजबूर किया जा रहा है। छात्राओं के आरोप के बाद हिंदू संगठन एक्टिव हुए और मामले ने तूल पकड़ लिया। इसके बाद यह बात सरकार तक पहुंची और गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा के साथ ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहाने ने मामले की जांच के बाद कार्रवाई करने का आश्वासन दिया था।

दमोह। एक निजी स्कूल पर आरोप था कि यहां हिंदू छात्राओं को भी हिजाब पहनने पर मजबूर किया जा रहा है। छात्राओं के आरोप के बाद हिंदू संगठन एक्टिव हुए और मामले ने तूल पकड़ लिया। इसके बाद यह बात सरकार तक पहुंची और गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा के साथ ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहाने ने मामले की जांच के बाद कार्रवाई करने का आश्वासन दिया था। अब सीएम के सख्त और तीखे तेवर के बाद शिक्षा विभाग ने नियमों का पालन नहीं किए जाने पर स्कूल की मान्यता निलंबित कर दी है। जारी आदेश के तहत मध्यप्रदेश माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक शालाओं की मान्यता नियम 2017 के नियम-11(1) के तहत अशासकीय शिक्षण संस्था-गंगा जमुना उच्चतर माध्यमिक विद्यालय दमोह (डाइस कोड-23120318304) की मान्यता, नियम 5 और 9 के अधीन विहित मानकों, शर्तों और उत्तरदायित्वों तथा समय-समय पर जारी निर्देशों का प्रथम दृष्टया पालन नहीं किए जाने के फलस्वरूप लोक शिक्षण सागर संभाग सागर के संयुक्त संचालक ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।

आपत्ति नहीं दर्ज कराई तो क्या बुर्का पहना देंगेे

यह आदेश तत्काल प्रभावशील होगा। इस संबंध में जारी आदेशानुसार जिला शिक्षा अधिकारी दमोह के द्वारा अपने कार्यालयीन पत्र के माध्यम से जिले में संचालित अशासकीय शिक्षण संस्था गंगा जमुना उच्चतर माध्यमिक विद्यालय दमोह के किए गए निरीक्षण में मध्यप्रदेश माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक शालाओं की मान्यता नियम 2017 एवं मान्यता संशोधन नियम 2020 में वर्णित निर्धारित मापदंड का विद्यालय में पालन नहीं करना प्रतिवेदित किया गया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कोई भी प्राइवेट स्कूल अपनी मनमर्जी से ड्रेस कोड लागू नहीं कर सकता है। स्कार्फ बांधों या कोई ऐसी कविता गाओ, जिसका भारत की भूमि से कोई संबंध नहीं है, तो यह नहीं चलेगा। संस्कार देने वाली और सही दिशा देने वाली शिक्षा ही यहां चलेगी।राज्य बाल आयोग की टीम पहुंची गंगा-जमुना स्कूल: शुक्रवार को राज्य बाल आयोग के सदस्य ओंकार सिंह और मेघा पवार स्कूल पहुंचे और बच्चों को स्कार्फ पहनाने का कारण पूछा। इस पर स्कूल प्रिंसिपल अफसा शेख ने कहा कि अभी तक किसी ने आपत्ति नहीं दर्ज कराई है। इस पर सदस्य बोले- किसी ने आपत्ति नहीं दर्ज कराई तो क्या बुर्का पहना देंगेे?

किसी की भावनाएं आहत हुई हैं तो हमें खेद है

गंगा जमना स्कूल के डायरेक्टर हाजी मुस्ताक खान ने इस साल हमारे बच्चे काफी अच्छे नंबरों से पास हुए हैं, इसलिए उनका एक फ्लैक्स बनाकर बधाई देने के लिए लगाया गया था। फ्लैक्स को लेकर कुछ लोगों को आपत्ति है। फ्लैक्स में लगी फोटो को लेकर अगर किसी की भावनाएं आहत हुई हैं, तो हमें उसके लिए खेद है।

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