चलती ट्रेन में महिला की डिलीवरी, लोग बोले 'थ्री इडियट्स' की कहानी याद आ गई

सागर। मध्यप्रदेश के सागर निवासी एवं दिल्ली के नॉर्दर्न रेलवे डिवीजनल हॉस्पिटल में कार्यरत लैब टैक्नीशियन द्वारा चलती ट्रेन में एक महिला की नॉर्मल डिलीवरी कराने का मामला सामने आया है। इस युवा टेक्नीकिशियन ने दिल्ली में महिला सर्जन से वीडियों कॉलिंग में बात करते हुए सेविंग ब्लेड और ऊनी शॉल के धागे की मदद से नॉर्मल डिलेवरी कराई है। प्रसव के बाद जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ्य हैं। इस मदद को देख लोगों को 'थ्री इडियट्स' फ़िल्म के पात्र रैंचो की कहानी याद आ गयी। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट कर इसकी सराहना की।
सागर के रहने वाले सुनील प्रजापति दिल्ली के नॉर्डन रेलवे डिवीजनल हॉस्पिटल में लैब टैक्नीशियन के पद पर कार्यरत हैं और मप्र संपर्क क्रांति से सागर लौट रहे थे। इस दौरान रात 8 बजे अलवर से दमोह जा रही किरण अहिरवार को अचानक प्रसव पीड़ा हुई तो वह दर्द से कराहने लगी। यह आवाज सुनकर सुनील ने परिजनों को अपना परिचय दिया और दिल्ली की डॉ. सुपर्णा सेन से वीडियों कॉलिंग में चर्चा कर स्थिति बताई और एक अन्य महिला की मदद से महिला की डिलीवरी कराई।
मथुरा में कराया भर्ती, जबकि ट्रेन का स्टॉपेज नहीं था
इसके बाद ट्रेन मथुरा रेलवे स्टेशन पहुंची और जच्चा-बच्चा को अस्पताल में भर्ती कराया गया। इसके पहले ही महिला का दर्द और बढ़ गया, जिसके बाद महिला के परिजनों ने लैब टैक्नीशियन को सूचित किया। इस दौरान आवश्यक उपकरण न होने पर उसने डिलीवरी कराने के लिए शॉल और सेविंग ब्लेड का सहारा लिया। महिला के पति अलवर में एक निजी कंपनी में कार्यरत हैं और वह अपने भाई के साथ दमोह जा रही थी। प्राथमिक उपचार के बाद वह सागर होते हुए दमोह निकली तो उसने सुनील प्रजापित को धन्यवाद दिया। सुनील मकरोनिया नगर पालिका में कंटरजेंसी का काम देख रहे संतोष प्रजापति एवं क्रेशर संचालक विनोद प्रजापति के छोटे भाई हैं। सुनील इसके पूर्व तीन बार एमपीपीएससी की परीक्षा पास कर चुके हैं, लेकिन इंटरव्यू में विफल हो जा रहे थे।
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