पूर्व मंत्री कमलेश्वर की मांग- ओबीसी को आरक्षण के लिए संविधान में संशोधन करे सरकार, सज्जन ने कहा- हम हर हलफनामा देरे तैयार

भोपाल। पंचायतों एवं निकायों में ओबीसी को आरक्षण राजनीतिक दलाें के गले की फांस बन गया है। इसके लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपना विदेश दौरा रद्द कर दिया तो कांग्रेस के पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल ने मांग की है कि केंद्र सरकार ओबीसी को आरक्षण के लिए संविधान में संशोधन करे और इस संबंध में प्रस्ताव पारित कर केंद्र को भेजने के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जाए। कांग्रेस के दूसरे पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने कहा है कि ओबीसी आरक्षण के लिए भाजपा सरकार जैसा चाहे, कांग्रेस हलफनामा देने के लिए तैयार है। पटेल और वर्मा प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में पत्रकारों से बात कर रहे थे।
तब कोई न्यायालय नहीं लगा सकेगा रोक
कमलेश्वर पटेल ने मीडिया से बातचीत में कहा कि ओबीसी के प्रति शुरू से भाजपा सरकार की मंशा ठीक नहीं है। इसीलिए कमलनाथ सरकार द्वारा शुरू की गई प्रक्रिया पर रोक लगाकर नए सिरे से काम शुरू किया गया। भाजपा सरकार ने जायज तर्क रखने की बजाय ओबीसी को 35 फीसदी आरक्षण देने की मांग कर डाली। नतीजे में सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश सरकार की दलीलों को ठुकराकर बिना ओबीसी आरक्षण चुनाव कराने के निर्देश दे दिए। पटेल ने कहा है कि यह संविधान संशोधन हो जाएगा तब कोई अदालत इस पर रोक नहीं लगा सकेगी।
शुरू से नहीं थी भाजपा की मंशा ठीक
सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि कमलनाथ ने व्यवस्था कर दी थी। 27 फीसदी आरक्षण के साथ चुनाव में कोई रुकावट नहीं थी लेकिन खुद को पिछड़ा वर्ग का हितैषी साबित करने के लिए भाजपा सरकार ने कमलनाथ द्वारा शुरू की गई प्रक्रिया रोक दी। अब हालात यह हो गए कि बिना आरक्षण चुनाव की नौबत आ गई। वर्मा ने कहा कि कांग्रेस इस मुद्दे पर कोई राजनीति नहीं करना चाहती। इसलिए सरकार के कहने पर कांग्रेस का हर नेता ओबीसी वर्ग को आरक्षण दिलवाने के लिए जहां कहें वहां हलफनाफा देने को तैयार है।
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