Bhopal dengue cases : राजधानी में बढ़े डेंगी के केस, तीन गुना हुआ मरीज

भोपाल। बरसात थमने के बाद से राजधानी में डेंगू के साथ-साथ जुकाम-खांसी, बदन दर्द और बुखार के मामले बढ़ रहे हैं। जेपी अस्पताल, हमीदिया अस्पताल, खुशीलाल आयुर्वेदिक व होम्योपैथिक चिकित्सालय में इस तरह के मरीजों में 20 से 25 फीसदी तक की बढ़ोतरी देखी जा रही है। बीते सप्ताह ही एम्स, हमीदिया व जेपी अस्पताल की ओपीडी में 40 हजार से अधिक मरीज पहुंचे। शहर में डेंगू के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। अब तक 510 मामले सामने आ चुके हैं। शहर के सरकारी अस्पतालों में वर्तमान में डेंगू के लगभग 30 मरीज भर्ती हैं। जिसमें से अकेले जेपी अस्पताल में ही छह मरीज भर्ती हैं। निजी अस्पतालों में भी मरीजों की संख्या 25 के करीब हैं। खास बात यह है कि इनमें से कई लोग सिर्फ लक्षणों के आधार पर भर्ती हैं। न इनकी एलाइजा जांच हुई है और न ही इनकी जानकारी मलेरिया विभाग को दी गई है।
जेपी में तैयार किया गया डेंगू वार्ड
जेपी अस्पताल में डेंगू मरीजों के लिए अलग से 10 बेड का वार्ड तैयार किया गया है। इसमें मरीजों के लिए मच्छरदानी की भी व्यवस्था की गई है। मगर मरीज के साथ उसके परिजन भी मच्छरदानी में बैठे हुए हैं। ऐसे में डेंगू से बचाव मुश्किल है। इसके अलावा कुछ मरीज तो मच्छरदानी से बाहर ही लेटे रहते हैं।
प्लेटलेट्स तेजी से गिर रहे, पर नहीं दिख रहे लक्षण
इस बार डेंगू के मरीजों में अलग तरीके के लक्षण दिख रहे हैं। प्लेटलेट्स तेजी से गिर रहे हैँ। लेकिन मरीज में बाहरी तौर पर कोई लक्षण नजर नहीं आ रहे। जेपी अस्पताल में भर्ती हुए 24 साल के युवक की जांच में प्लेटलेट्स की संख्या सिर्फ 12 हजार आई। डॉक्टर हैरान रह गए। मरीज में कम प्लेटलेट्स के बाद भी कोई लक्षण नजर नहीं आए। रिपोर्ट के आधार पर इलाज जारी है। एक माह में अकेले जेपी में भर्ती नौ मरीजों में से 13 की प्लेटलेट्स 40 हजार के नीचे आई। अच्छी बात यह है कि अधिकतर मरीज एक सप्ताह में पूरी तरह रिकवर हो रहे हैं।
15 दिन ज्यादा खतरा
जिला मलेरिया अधिकारी अखिलेश दुबे के अनुसार अभी 15 दिन तक डेंगू का खतरा है। नवंबर के पहले सप्ताह से स्थिति पूरी तरह से सामान्य हो जाएगी।
ये डेंगू के हॉट स्पॉट
जीएमसी, शहीद नगर, ईदगाह हिल्स, साकेत नगर कोलार, पिपलिया पैंदे खां, अशोका गार्डन, कटारा हिल्स, बैरागढ़, लालघाटी व बरखेड़ा।
गंभीरता के नहीं दिख रहे लक्षण
जेपी अस्पताल के मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. योगेंद्र श्रीवास्तव के अनुसार प्लेटलेट्स कम होने पर मसूड़े, नाक इत्यादि से खून आना, छोटे कट का गंभीर हो जाना, यूरिन से खून आना, हैवी ब्लीडिंग, स्किन पर रंग लाल के रैशेज होना व अन्य समस्याएं नजर आती हैं। लेकिन मरीजों ऐसे लक्षण नहीं दिख रहे।
सर्दी-जुकाम दूर करने में अदरक सहायक
पं. खुशीलाल शर्मा आयुर्वेद कॉलेज के प्रोफेसर डॉ. नितिन उज्जलिया ने बताया है कि वायरल होने पर सूखी अदरक, सोंठ व तुलसी की पत्तियों को दूध में मिलाकर पीएं। तुलसी के एंटीबायोटिक गुण फीवर को रोकने में मदद करते हैं। अदरक सर्दी-जुकाम को दूर करने में सहायक है। वहीं जेपी अस्पताल के अधीक्षक डॉ. राकेश श्रीवास्तव ने कहा है अस्पताल में डेंगू मरीजों के लिए अलग से 10 बेड का वार्ड बनाया गया है। इस वार्ड के सभी बेड पर मच्छरदानी भी लगाई गई हैं। वार्ड में तीन मरीज भर्ती हैं। इनमें से कुछ अब लगभग ठीक हो चुके हैं। जल्द ही उन्हें डिस्चार्ज कर दिया जाएगा।
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