Bhopal Dengue Cases: राजधानी भोपाल में डेंगू का आतंक, एक महिला की मौत, सर्वे के लिए नहीं स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम की टीम

Bhopal Dengue Cases: राजधानी भोपाल में डेंगू का आतंक, एक महिला की मौत, सर्वे के लिए नहीं स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम की टीम
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शनिवार को डेंगू से जिस महिला की मौत हुई थी वह वार्ड क्रमांक 51 बाबा नगर में अपने मायके में रह रही थी। डेंगू की रोकथाम में लापरवाही बरतने के कारण संक्रमण बढ़ना तय है। भोपाल में अब तक 528 मरीज डेंगू के मिले चुके हैं।

bhopal dengue Cases: भोपाल। राजधानी में डेंगू से महिला की मौत के बाद भी स्वास्थ्य विभाग हो या फिर नगर निगम दोनों लापरवाह बने हुए हैं। हालत यह हैं कि डेंगू से जिस मरीज की मौत हुई है, उस कॉलोनी में लार्वा सर्वे करने टीम अब तक नहीं पहुंची, जबकि स्वास्थ्य विभाग दावा कर रहा है कि डेंगू का मरीज मिलने पर 24 घंटे के भीतर ही लार्वा सर्वे किया जाता है।

शनिवार को हुई थी महBला की मौत

शनिवार को डेंगू से जिस महिला की मौत हुई थी वह वार्ड क्रमांक 51 बाबा नगर में अपने मायके में रह रही थी। डेंगू की रोकथाम में लापरवाही बरतने के कारण संक्रमण बढ़ना तय है। भोपाल में अब तक 528 मरीज डेंगू के मिले चुके हैं।

सिर्फ पांच पर जुर्माना

शहर के कई घरों में पांच-पांच बार डेंगू के लार्वा मिल चुके हैं। इन घरों पर 500 से लेकर 5000 रुपए तक जुर्माना होना चाहिए, लेकिन हालत यह है कि अभी तक सिर्फ पांच मकान मालिकों पर जुर्माना लगा है। यही वजह है शहर से लार्वा खत्म नहीं हो रहा, जिससे डेंगू का संक्रमण भी कम नहीं हो रहा है।

दूसरों के संक्रमित होने का खतरा

भीम नगर के रहने वाले मोहन मिश्रा ने बुखार आने पर जेपी अस्पताल में जांच कराई थी। यहां 15 अक्टूबर को उनकी डेंगू की जांच रिपोर्ट पॉजिटव आ गई। तभी से निजी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है। उनकी मां संगीता मिश्रा ने बताया कि अभी तक उनके यहां लार्वा सर्वे या धुआं करने के लिए कोई टीम नहीं पहुंची है। उनका मकान घनी बस्ती में है, जिससे दूसरों के संक्रमित होने का खतरा है।


गोविंदपुरा के रहने वाले विनय शाक्य शुक्रवार को डेंगू से प्रभावित हुए। तेज बुखार के चलते उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। उनकी मां ओमवती शाक्य ने बताया कि दो दिन बाद भी न तो स्वास्थ्य विभाग की टीम उनके यहां पहुंची है, न ही नगर निगम की। लोगों की सलाह पर उन्होंने खुद ही अपने घर की सफाई की और बर्तनों में भरा पुराना पानी बदला। डॉ. प्रभाकर तिवारी के अनुसार स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम की टीमें लगातार सर्वे कर रही हैं। कई बार मरीज के घर में कोई नहीं मिलता, इसलिए टीमें लौट आती हैं। घर के बाहर नगर निगम की तरफ से धुआं किया जा रहा है। लोगों से भी कहा जा रहा है कि घर में लार्वा की पहचान कर उसे खुद नष्ट करें।

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