Bhopal suicide case : आंखो की रोशनी जाने से हताश बच्ची ने की खुदकुशी, माता-पिता गए थे बाहर

भोपाल। जिंदगी (life) से हताश हो चुकी नाबालिग बच्ची (girl) ने फांसी (hang) लगाकर खुदकुशी (suicide) कर ली है। बच्ची को कई दिनों से ऑखों (eyes) से कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था। इसी हताशा और निराशा के कारण उसने इतना दुखदाई निर्णय लिया। भोपाल के कोलार क्षेत्र निवासी 14 वर्षीय बच्ची की दोनों आंखों में मोतियाबिंद हो गया था।
बच्ची के परिजन उसका ईलाज भी कई अस्पतालों में करा चुके थे और हर बेहतर से बेहतर ईलाज के लिए ले जाने वाले भी थे। मगर बच्ची अपनी इस परेशानी से पूरी तरह से हताश हो चुकी थी यही कारण है कि उसने इतना बडा दुखदाई कदम उठाया है। बच्ची ने अपने घर के अंदर ही फांसी का फंदा डालकर उस पर झूल गई।
परिजन गए थे खेत
कोलार थाना पुलिस के अनुसार क्षेत्र के ग्राम गोल में रहने वाली आराधना लोधी 8वीं क्लास की स्टूडेंट थी। आराधना की आंखों में मोतियाबिंद हो गय था और उसके परिजन इलाज करा रहे थे। लंबे समय से इलाज के दौरान भी बच्ची को कुछ दिखाई नहीं दे पा रहा था जिससे वह पूरी तरह से हताश हो चुकी थी।
बच्ची के माता-पिता किसान हैं और जब वह दोनों अपने खेती की ओर गए थे तब बच्ची ने अकेले में यह कदम उठाया। अनुराधा ने घर के अंदर फांसी का फंदा डाल कर झूल गई। जिससे उसकी मौत हो गई। मौके पर बच्ची के पडोसियों ने घटना की जानकारी बच्ची के माता-पिता और पुलिस को दी। कोलार पुलिस मामले की जांच कर रही है।
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