डीपीआई की सख्त हिदायत के बाद भी फीस का ब्यौरा देने का मामला 21 हजार 96 पर अटका, 16,373 स्कूलों ने नहीं भेजी जानकारी

डीपीआई की सख्त हिदायत के बाद भी फीस का ब्यौरा देने का मामला 21 हजार 96 पर अटका, 16,373 स्कूलों ने नहीं भेजी जानकारी
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भोपाल। स्कूल शिक्षा विभाग ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित निर्णय के अनुपालन में प्रदेश के निजी स्कूलों से वसूली गई फीस की ब्यौरा मांगा है। वहीं फीस का ब्यौरा नहीं देने वाले स्कूलों को सख्त हिदायत देते हुए लोक शिक्षण आयुक्त अभय वर्मा ने प्रदेशभर के कलेक्टर्स को इस संबंध दिशा-निर्देश जारी करते हुए नियमानुसार कारवाई करने के आदेश दिए हैं। इसके बाद भी प्रदेश में निजी स्कूलों की मनमानी जारी है। स्थिति यह है कि निर्धारित समयसीमा के 10 दिन बाद भी प्रदेश के 16 हजार 189 स्कूलों की ओर से अब तक फीस का ब्यौरा नहीं भेजा गया है। विभाग द्वारा निर्धारित लक्ष्य 37 हजार 469 में से अब तक 21 हजार 280 स्कूलों की ओर से ही जानकारी भेजी गई है। दरअसल, यह ब्यौरा स्कूल शिक्षा विभाग के एजुकेशन पोर्टल पर अपलोड किया जाना है। लेकिन प्रदेश में अधिकतर स्कूल फीस का ब्यौरा देने में रूचि नहीं दिखा रहे हैं। जबकि कोर्ट के आदेश में अंतिम अवसर के रूप में चार सप्ताह की समयावधि (18 अक्टूबर 2021 तक) में निजी स्कूलों की फीस की प्रविष्टि सार्वजनिक करने के निर्देश दिए गए थे। वहीं लोक शिक्षण संचालनालय से आदेश जारी होने के बाद जिला शिक्षा अधिकारियों द्वारा जानकारी नहीं भेजने वाले स्कूलों को संकुल प्राचार्याें के माध्यम से नोटिस जारी किए गए हैं। जिसके जवाब के लिए एक सप्ताह का समय दिया है।

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