देवास : प्रेमी संग मिलकर की पति की हत्या, महिला समेत 5 गिरफ्तार

देवास। पुलिस ने अंधे क़त्ल की गुत्थी को सुलझा दिया है। पुलिस के मुताबिक पत्नी ने प्रेम प्रसंग का पता चलने पर अपने प्रेमी के साथ पति को रास्ते से हटाने का षड्यंत्र रचा। जिसके बाद प्रेमी ने अपने तीन अन्य साथियों के साथ हत्या की और उसके बाद शव को पेट्रोल डालकर आग के हवाले कर दिया, जिसके बाद पत्नी पुलिस के पास पहुंची और पति के अचानक गायब होने की गुमशुदगी दर्ज कराई।
प्रेमप्रसंग का पति को पता चलने पर हत्या का बनाया षड्यंत्र
ऑडी पट्टी मल्हार कॉलोनी रहने वाली विवाहिता छाया 12 जून को औद्योगिक थाना पुलिस को पति भगवान सिंह पिता अमर सिंह के घर से गायब होने की रिपोर्ट दर्ज कराने पहुंची। जिस पर पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज कर उनकी तलाश शुरू की। जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि छाया का प्रेम प्रसंग लखन पिता बहादुर के साथ चल रहा है। यह पता चलने के बाद पुलिस को शंका हुई और छाया को पूछताछ की तो उसने प्रेमी के साथ मिलकर पति की हत्या करना कबूल किया।
छाया ने बताया कि उसका लखन के साथ प्रेम प्रसंग चल रहा था, जिसका पता उसके पति भगवान सिंह को चल गया था। इसी को लेकर प्रेमी लखन के साथ मिलकर पति को रास्ते से हटाने का प्लान बनाया। जिसके बाद प्रेमी लखन पिता बहादुर, अकील उर्फ अक्कू, शानू और संतोष में मिलकर भगवान सिंह पिता अमर सिंह चौधरी की हत्या कर सबको बायपास स्थित नाले में फेंक दिया।
पत्नी ने 2 लाख रूपये के लालच देकर पति भगवान सिंह को रास्ते से हटाने का किया था सौदा
भगवान सिंह ग्राम सिलाखेडी भाटोनी थाना कायथा जिला उज्जैन का रहने वाला हैं। इसकी शादी साल 2013 में छायाबाई से हुई थी। शादी के बाद ग्राम की सिलाखेडी भाटोनी के घर व जमीन व अपना मकान को 8 लाख रूपये बेचकर देवास आ गया था और 4 लाख रूपये में आडी पट्टी मल्हार में मकान खरीदा था तथा रूची सोया कम्पनी में नौकरी करने लगा। इनके दो बच्चे हैं एक की उम्र 4 वर्ष तथा दूसरे की उम्र 1.5 वर्ष है। भगवान सिंह की पत्नि छाया की दोस्ती लखन पिता बहादुर आडी पट्टी वाले से हो गई तथा अवैध संबंध स्थापित हो गये।
प्यार का परवान और मृतक भगवान सिंह के बैंक मे रखे 2 लाख रूपये के लालच में दोनों ने भगवान सिंह हो रास्ते से हटाने का सौदा किया। 11 जून को भगवान सिंह घर पर सो रहा था रात्रि में छायाबाई ने लखन को फोन कर बुलाया तथा 10 हजार रूपये भी दिये थे। रात करीब 1 बजे लखन अपने साथी अकील उर्फ अक्कु निवासी सिल्वर पार्क कालोनी तथा शानू निवासी मस्जिद के पास सिल्वर पार्क कालोनी आडी पट्टी देवास के साथ मिलकर भगवान सिंह के घर पहुंचे।
दोनों साथियों को 5 हजार रूपये देकर प्लानिंग कर छायाबाई ने इस कार्य में अपने भतीजे संतोष उर्फ निखिल पिता राधेश्याम निवासी आडी पट्टी मल्हार को भी शामिल किया। इसके बाद पांचो ने मिलकर सोते हुए भगवान सिंह को मार दिया। शानू ने लट्ठ से छाया ने धारदार हथियार से तथा निखिल ने तकीये से मुंह दबाकर भगवान सिंह की हत्या कर दी।
भगवान सिंह को मारने के बाद उसकी लाश को ठिकाने लगाने के लिए छाया ने अपनी टीवीएस एक्सल से निखिल, लखन और अक्कु ने लाश को बोरे में भरकर ग्राम शंकरगढ पहाडी के पास पुलिया के पाईप में ले जाकर फेंक दिया। छायाबाई और निखिल ने मिलकर घर में खून से सने कमरे की सफाई कर कपड़ों को रात में ही जला दिया।
हत्या करने के बाद शव को पेट्रोल डालकर किया आग के हवाले
घटना के 5-6 दिन बाद अखिल और अक्कु ने शंकरगढ़ के पास पुलिया के निचे भगवान सिंह की लाश पर पेट्रोल डालकर लाश को सबूत मिटाने की नियत से जला दिया। पुलिस ने सभी आरोपियों को धारा 302, 201, 120-बी, 34 भादवि में गिरफ्तार किया है।
इस अंधेकत्ल का खुलासा करने में औद्योगिक थाना टीआई अनिल शर्मा, सब इंस्पेक्टर आर.के. शर्मा एएसआई के.के. परमार, महिला आरक्षक नेहा सिंह ठाकुर, आरक्षक रूपेश, जितेन्द्र, शिवप्रताप सिंह सेंगर, संतोष रावत, प्र.आर. चालक जितेन्द्र व्यास की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
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