देवास आत्मदाह मामले ने लिया सियासी रंग, कांग्रेस ने कहा- हमारे वोटर्स पर भाजपा का आत्याचार

देवास। देवास के अतवास में हुई दर्दनाक घटना अब सियासी रंग लेने लगी है। महिला के आत्मदाह की कोशिश का मामला अब तूल पकड़ने लगा है। आज पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा, कांग्रेस नेत्री अजिता वाजपेयी, अल्पसंख्यक आयोग की सदस्य नूरी खान सहित प्रदेश के वरिष्ठ कांग्रेस नेता देवास पहुंचें, जहां उन्होंने पहले जिला अस्पताल पहुंच कर पीड़ित महिला से मुलाक़ात की। उसके बाद सभी ने कलेक्टर से मुलाकात कर मामला की निष्पक्ष जांच की मांग की है।
देवास पहुंचे सज्जन सिंह वर्मा ने प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रशासन ने- जानबूझकर एक गरीब किसान की फसल को उजाड़ने का प्रयास किया है, जबकि नियम अनुसार 15 जून से 15 सितंबर तक जमीन के मामले में कोई सीमांकन, कोई नपती, ना कोई अतिक्रमण नहीं हटाया जा सकता, फिर भी प्रशासन की टीम उस महिला के खेत पर पहुंचती है और जेसीबी से फसल को उखाड़ने लगती है। ऐसे में कोई भी किसान जिसने बड़ी उम्मीद से फसल बोई है उसे बर्बाद होते नहीं देख सकता।
दूसरा उन्होंने आरोप लगाया जब ये प्रकरण राजस्व न्यायालय में चल रहा था और 8 तारीख अगली सुनवाई होना थी फिर प्रशासन ने इतनी जल्दबाजी क्यों दिखाई?
और इस पर लिखित समझौता नहीं हुआ था उसके बाद भी प्रशासन बार-बार यही कह रहा है कि आपसी समझौता के बाद ही टीम भेजी गई थी। इसके अलावा उन्होंने भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार दलितों और अल्पसंख्यकों पर अत्याचार कर रही है क्योंकि ये कांग्रेस के वोटर हैं। उन्होंने कहा कि ये जांच रिपोर्ट पीसीसी चीफ कमलनाथ को सौपेंगे।
बता दें कल गुरुवार को एक महिला ने आत्मदाह की कोशिश की थी। अतिक्रमण के खिलाफ महिला की जमीन पर कार्रवाई हुई थी, जिसके बाद उसने आत्मदाह की कोशिश की थी। पीड़ित महिला के पति ने कहा कि अधिकारियों ने उसके खेत से जोड़ने वाली सड़क को काटने की कोशिश की है जिससे उसका परिवार परेशान है।
इसके अलावा देवास पहुंचे पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने शिवराज को घेरते हुए कहा है कि केंद्र सरकार की गाइडलाइन का पालन शिवराज सिंह चौहान ने नहीं किया। उन्होंने गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा को भी आड़े हाथों लेते हुए कहा कि- शिवराज सिंह चौहान पर एफआईआर दर्ज क्यों नहीं किया गया।
उनका कहना है कि शिवराज सिंह चौहान ने केंद्र सरकार की गाइडलाइन का पालन नहीं किया। उन्होंने आगे कहा कि केंद्र सरकार की गाइडलाइन है कि अगर कोई कोरोना पॉजिटिव के संपर्क में आता है और वह कोरोना पॉजिटिव हो जाता है तो उसे 14 दिन के क़वारेंटाइन में स्वयं चले जाना चाहिए पर शिवराज सिंह चौहान ने ऐसा नहीं किया।
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