Dhar Samvad 2023 : कांग्रेस की पूर्व कमलनाथ सरकार को लेकर बोले मंत्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव

Dhar Samvad 2023 : कांग्रेस की पूर्व कमलनाथ सरकार को लेकर बोले मंत्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव
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Dhar Samvad 2023 : मध्यप्रदेश के प्रमुख अखबार हरिभूमि और मध्यप्रदेश छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े न्यूज चौनल आईएनएच के संवाद 2023 का कार्यक्रम में आज 25 जून को धार में हुआ। कार्यक्रम में हरिभूमि और आइएनएच के प्रधान संपादक हिमांशु द्विवेदी ने धार और देश के हालातों पर नेताओं पर सवाल दागें। वही नेताओं ने भी अपनी बात रखी। डॉ हिमांशु द्विवेदी ने धार प्रदेश सरकार के मंत्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव से संवाद किया।

डॉ हिमांशु द्विवेदी - कितना रास आ रहा है कांग्रेसी से भाजपाई हो जाना

राजवर्धन सिंह दत्तीगांव - मेरे पिताजी की राजनैतिक जीवन की शुरूअता जनसंघ से हुई। प्रारंभिक दौर में बाल्यअवस्था में ही जब मेरे दादा जी का स्वर्गवास हुआ तब राजमाता साथ थी। जीवन का जो काल था प्रारंभिक में उन्होंने जनसंध में व्यतित किया। उसके बाद जब माधवराव जी लौटकर बाहर से आए तो उनके साथ हुए, लेकिन ये कम लोगों को पता है की मेरे पिताजी मिशाबंदी भी थे। मेरे पिता जी ने मुझे हमेशा यही कहा की महत्वपूर्ण ये है कि आप आपने परिवार की परिभाषा क्या मानते है?

उन्होंने आगे कहा की जब में पहला चुनाव लड़ा तो वह नहीं चाहते थे कि मैं चुनाव लडू। उन्होंने मुझसे कहा की अब आप राजनीति में आगए है तो ये जो चार पांच लोगों का परिवार नहीं बल्कि पूरा समूह, याचक बनके जा रहे है वो आपका पूरा परिवार है। वो कहना चाह रहे थे की आप मन वचन कर्म से एक हो जाएं। जब में कांग्रेस से भाजपा में आया, हमारे लक्ष्य स्पष्ब्ट थे। जैसे जैसे मेने गहराई से कार्यप्रणाली को समझा, उसमें रचा वसा तो इस बात का अहसास हुआ कि जड़ से सींचा जाता है इसे, कांग्रेस में कहीं न कहीं हुआ की इसमें की वो साथ साथ अपनी धरा से दूर हो गए। जड़ों से दूर हो गए, विचारों से भी दूर हो गए।

इसलिए आए ये परिस्थितियां बनी, मेरी विधानसभा में एक ग्रामपंचायत में चुनाव हुए तो दोनों व्यक्ति जो चुनाव लड़े, वो दोनों भाजपा के ही थे। में यह कहना चा रहा हूं की वो अवस्था में पार्टी आ गई कि मुझे व्यक्तिगत कोई परेशानी नहीं आई और में समझता हूं कि आज में भाजपा में कार्य कर रहा हूं की एक सामूहिक नेतृत्व है, सामूहिक निर्णय है, सामूहिक प्रयास है, जो कांग्रेस में नहीं था।

डॉ हिमांशु द्धिवेदी - बीजेपी में आपके पास पद तो आ गया, क्या वैसी प्रतिष्ठा, क्या वैसा प्रभाव, क्या वो सम्मान आपको महसूस हो रहा है? जो कांग्रेस में मिलता था।

राजवर्धन सिंह दत्तीगांव - वो जन से आता है, वो स्वभाव, व्यवहार से आता है और कार्य से आता है। मैं अच्छा कार्य करूंगा तो मुझे मिलेगा। और मैं नहीं करूंगा तो नहीं मिलेगा। पार्टी के लोगों ने वरिष्ठ जनों ने मुझे बहुत आदर दिया, बहुत प्रेम दिया और बहुत सहजता से मुझसे मिलते है, मुझे ऐसा किसी भाजपा के नेता से ऐसा महसूस नहीं हुआ, चाहे वीडी शर्मा जी हो, चाहे शिवराज सिंह जी हो, चाहे नरेन्द्र सिंह जी हो, नरोत्तम जी हो, प्रहलाद पटेल जी हो, प्रभात झा जी हो और भी जितने भी वरिष्ठ नेता हो मुझे कभी किसी से, मैने जब जब किसी से भी निवेदन किया चाहे केंन्द्रीय मंत्री जी हो मुझे पूरा पूरा रिस्पॉंश मिला।

उन्होंने आगे कहा की कांग्रेस में तो कई बार ऐसा होता था, एक बार एक केंन्द्रीय मंत्री हमारे यहां पर आए हेलिकॉप्टर से लैंड़ किया उस समय मेरे साथ तत्कालीन कांग्रेस सांसद भी थे। उन्होंने बहुत कहां, लेकिन जब हम दिल्ली में उनके पास गए एक रोड़ के पैकेज के लिए जो कई जिलों को जोड़ता था, रतलाम-झाबुआ और धार को तो हमसे मिले तक नहीं। तो वहां तो हमे माध्यम ढूंढना पड़ता था। वहां सुरेश पचौरी, कमलनाथ जी, दिग्विजय सिंह के बिना आप कही उपर जा नहीं पाते थे, बड़ा मुश्किल होता था। टिकट का भी कोटे जैसा सिस्टम था और आज भी ऐसा हो सकता हो। लेकिन यह भाजपा में नही है।

डॉ हिमांशु द्धिवेदी - भाजपा से किसके कोटे से रहती है धार में

राजवर्धन सिंह दत्तीगांव - भाजपा में पार्टी है और पार्टी सर्वे में जो सर्वक्षेष्ठ लगता है उसको टिकट मिलेगीं। अगर उनको लगता है कि मुझसे जो बेहतर है उसको टिकट मिल जाएगा, मैं उसका काम करूंगा। धार में लगाता है कि वर्मा से कोई बेहतर है तो उसको टिकट मिल जाएगी, मैं उसका काम करूंगा।

डॉ हिमांशु द्धिवेदी - आप तो अपने टिकट को लेकर ही डरे हुए है।

राजवर्धन सिंह दत्तीगांव - मैं डरा हुआ नहीं हूं। मै अनुशासित हूं। मैं ये संदेश इस मंच से दे रहा हूं, की बड़ा से बड़ा नेता पहले कार्यकर्ता है, बाद में नेता है। पहले अनुशासित है, बाद में महत्वकांक्षी है।

डॉ हिमांशु द्धिवेदी - ये जो अनुशासन है वो आपकी पार्टी में विखराव क्यों दिख रहा है। नए लोग तो पार्टी में आ रहे है, लेकिन जो पार्टी के तपे नेता है वो कांग्रेस में क्यों जा रहे है।

राजवर्धन सिंह दत्तीगांव - मझे नहीं पता किस व्यक्ति की बात हो रही है, लेकिन जब भी हम बीमार होते है तो कहीं डॉक्टर और मेडिकल स्टोर्स पर जाते है तो जो संजीवनी कही जाती है, जिसे दवाई कहते है, उस पर एक एक्सपायरी डेट लिखी होती है, तो एक्सपायरी डेट सबकी होती है, उपयोगिता भी सबकी होती है और समय भी सबका होता है, अवसर भी सबको मिलते है।

डॉ हिमांशु द्धिवेदी - दीपक जोशी को आप एक्सपायरी डेट मानते है?

राजवर्धन सिंह दत्तीगांव - मैं किसी का नाम नहीं ले रहा हूं। दीपक जोशी से मेरे अच्छे संबंध है, वह अच्छे व्यक्ति है। उनके पिताजी ने भी कई अच्छे काम किए भाजपा के लिए सब जानते है। जोशी जी को कौन नहीं जानता है। और उनको मिला भी बहुत और दीपक जी को भी उनके पिताजी के वजह से और खुद के वजह से बहुत मिला। वह विधायक रहे पार्टी के, मंत्री भी रहे भाजपा से। उनकी क्या परिस्थितियां हुई, इसकी मुझे कोई जानकारी नहीं है।

डॉ हिमांशु द्धिवेदी - 2018 का कमाल कैसे हुआ?

राजवर्धन सिंह दत्तीगांव - 2018 में जो परिस्थितियां निर्मित हुई, अगर शुद्धता राजनैतिक वोट परसेंटेज की बात करे तो तब भाजपा को कांग्रेस से ज्यादा वोट मिला था। मुझे जो लगता है क्योंकि में चुनाव अभियान समिति का सदस्य भी था उस वक्त विधानसभा प्रभारी भी था। उस वक्त में एरिया में काफी गया भी। उस दौरा में किसानों का एक आंदोलन उभर के आ रहा था और उसे परिस्थितियां बनी। उसके साथ ही साथ कमलनाथ जी ने कांग्रेस के नेतृत्व में कुछ बातों को लेकर एक वचन पत्र बनाया। उन्होंने कह दिया की किसानों का लोन माफ, बहनों का लोन माफ, युवाओं को बेरोजगार भत्ता, दुग्ध उत्पादकों को कह दिया 5 रूपये बोनस, आवास का अधिकार इस प्रकास से उन्होंने सामने रख दिया और वो वातावरण बानने में सफल हुए। जिसका परिणाम हुआ की समाजवादी और बसपा के समर्थन से सरकार बन गई।

डॉ हिमांशु द्धिवेदी - कमलनाथ के इतने सारे वादों से कहां टिकेंगे आप

राजवर्धन सिंह दत्तीगांव - वो देंगे, हम दे रहे है। उन्होंने कहा 1500 कब कहा, जब हमने कहा 1000, अब शिवराज सिंह जी ने कह दिया जैसे पैसा आएगा, हम उसको 3 हजार तक ले जाएंगे। उसके बाद उन्होंने कुछ कहा नहीं। गैस की टंकी देंगे, उज्वला क्यों नहीं दी इतने साल? पहली बार हमारी सरकार ने केंन्द्र में तय करा की जो जीवनभर हमारी ग्रहणी, हमारी माताएं बहन उस चूले के धुंए के दम से घुटकर टीवी की पेशेंट हो जाती है, बीमार पड़ जाती है पहली बार उस लेवल पर जाकर हमारी सरकार ने गैस की टंकी उस योजना के अंतर्गत आकर दी। अब जब चुनाव आ रहा है तो चुनाव के कुछ महीने पहले आप कह रहे है कि 500 रूपये में गैस सिलेंडर देंगे। अब जब लाडली बहना के माध्यम से हर महीने एक-एक हजार रूपये डलना चालू हो गया, महिलाओं को लाभ मिल रहा है, तो वो एक गैस के 500 रूपये की बात के वादे में जनता आ जाएगी, में ऐसा नहीं समझता। अभी जो वर्तमान में मिल रहा है जनता उस पर विश्वास रखे।

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