दिग्विजय ने शाह और संघ की तारीफ की, कहा- दोनों ने नर्मदा यात्रा में मेरे रहने-खाने की पूरी व्यवस्था की

दिग्विजय ने शाह और संघ की तारीफ की, कहा- दोनों ने नर्मदा यात्रा में मेरे रहने-खाने की पूरी व्यवस्था की
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नर्मदा परिक्रमा पर निजी सचिव ओपी शर्मा द्वारा लिखी किताब 'नर्मदा पथिक' के विमाचन पर पूर्व सीएम ने शाह और संघ की तारीफ की, कहा- दोनों ने नर्मदा यात्रा में मेरे रहने-खाने की पूरी व्यवस्था की

भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री व सांसद दिग्विजय सिंह (digvijay singh) की नर्मदा यात्रा पर लिखी गई किताब का गुरुवार को भोपाल में विमोचन हुआ। यह किताब उनके निजी सचिव ओम प्रकाश शर्मा ने लिखी है। जिसका शीर्षक है- 'नर्मदा पथिक।' (narmada pathik) इसका विमोचन करते हुए दिग्विजय ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (amit shah) और राष्ट्रीय स्वयं सेवक (rss) की तारीफ की। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि नर्मदा परिक्रमा (narmada parikrama) के दौरान अमित शाह का सहयोग मिला। उन्होंने गुजरात के जंगल में मेरे रहने-खाने की व्यवस्था की। वन विभाग के अधिकारियों को उनके निर्देश थे कि मेरी यात्रा में विघ्न नहीं आना चाहिए, हालांकि मेरी आमने-सामने मुलाकात नहीं हुई, लेकिन मैंने अमित शाह को इसके लिए धन्यवाद पहुंचाया था। राजनीतिक सामंजस्य का ये प्रमाण है, जिसे हम कभी-कभी भूल जाते हैं। दिग्विजय ने संघ को लेकर कहा- मैं संघ का आलोचक जरूर हूं, लेकिन धर्म और राजनीति दोनों को जोड़कर नहीं देखना चाहिए। संघ से मेरा विचारों का मेल नहीं है, लेकिन यात्रा के दौरान संघ के लोग मुझसे मिलने आते थे। संघ कार्यकर्ताओं को मुझसे मिलने के लिए निर्देश मिलता था। उनकी ओर से भी मेरी व्यवस्था हुई। गौर हो िक दिग्विजय सिंह ने 2017-18 में उस वक्त 3,300 किमी लंबी नर्मदा पदयात्रा की थी, जब प्रदेश में चुनाव होने थे। 192 दिनों तक चली उनकी पदयात्रा नरसिंहपुर जिले के बरमान घाट पर समाप्त हुई थी। विधानसभा के मानसरोवर सभागार में आयोजित कार्यक्रम में कांग्रेस से राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा, सुरेश पचौरी सहित कांग्रेस के कई दिग्गज नेता मौजूद थे।

संघ के कार्यकर्ता कर्मठ पर मेरा उनसे वैचारिक मतभेद

दिग्विजय बताया कि नर्मदा परिक्रमा के दौरान जब हम गुजरात से महाराष्ट्र की सीमा में प्रवेश कर रहे थे, तब रात हो चुकी थी। वहां संघ से जुड़ी धर्मशाला में रुकने की व्यवस्था की गई थी। संघ के कार्यकर्ता कर्मठ होते हैं, लेकिन उनकी देश को बांटने वाली बातों का मैं समर्थन नहीं करता, इसलिए संघ से मेरा वैचारिक विरोध है। उन्होंने यह भी कहा कि मेरी यात्रा के दौरान भारतीय युवा मोर्चा के पदाधिकारियों का भी सहयोग मिला।

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