राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपमानित करने पर भड़के दिग्विजय सिंह, कहा यह आदिवासी महिला के साथ समाज का भी अपमान

भोपाल : नए संसद भवन के उद्घाटन की तैयारी जोरों शोरों पर है। दिल्ली में निर्माणित इस भवन को अब तक का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट बताया जा रहा है। हालांकि इस नए संसद भवन को लेकर शुरू से ही कांग्रेस खुश नहीं है। बता दें कि 10 दिसंबर 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद के नए भवन का शिलान्यास किया था। साथ ही ये भी कहा जा रहा है कि इसी महीने 28 मई को संसद का उद्घाटन किया जायेगा। जिसको लेकर मध्यप्रदेश में कांग्रेस के सीनियर नेता दिग्विजय सिंह ने पीएम मोदी पर निशाना साधा है।
पीएम मोदी ने आदिवासी समाज का किया अपमान
दिग्विजय सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा न तो नए संसद भवन के शिलान्यास में और न ही उद्घाटन में महामहिम राष्ट्रपति को बुलाया जा रहा है। जिसको लेकर दिग्गी ने कहा कि यह राष्ट्रपति और आदिवासी समाज का अपमान हुआ है। उनके इस अपमान के कारण कांग्रेस का कोई भी नेता इस आयोजन में सम्मिलित नहीं हो रहा है।
राष्ट्रपति के बिना संसद का कोई भी कार्यक्रम नहीं चल सकता
इसके साथ ही दिग्विजय सिंह ने आगे कहा कि भारतीय संविधान के आर्टिकल-79 में ये उल्लेखित है कि पार्लियामेंट महामहिम के डायरेक्शन पर चलता है। उनकी दस्तखत के बगैर न कोई संसद की बैठक हो सकती है और न ही संसद का कोई कार्यक्रम चल सकता है। ऐसे पद का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपमान किया है। इसके साथ ही कांग्रेस के पूर्व नेता राहुल गांधी पहले ही कह चुके हैं कि नए संसद भवन का उद्घाटन महामहिम राष्ट्रपति के हाथों करवाना चाहिए।
पीएम मोदी 28 मई को करेंगे नए संसद भवन का उद्घाटन
लोकसभा तथा राज्यसभा, दोनों सदनों ने 5 अगस्त 2019 को सरकार से संसद के नए भवन के निर्माण के लिए आग्रह किया था। इसके बाद 10 दिसंबर 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद के नए भवन का शिलान्यास किया था। जिसके बाद से कहा जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई को संसद के नवनिर्मित भवन का लोकार्पण करेंगे। बता दें कि संसद के नवनिर्मित भवन को गुणवत्ता के साथ रिकॉर्ड समय में तैयार किया गया है। चार मंजिला संसद भवन 1224 सांसदों के बैठने की व्यवस्था की गई है।
लोकसभा में 888 और राज्यसभा में 384 सदस्यों की बैठने की व्यवस्था
संसद के वर्तमान भवन में लोकसभा में 550 जबकि राज्यसभा में 250 माननीय सदस्यों की बैठक की व्यवस्था है. भविष्य की जरूरतों को देखते हुए संसद के नवनिर्मित भवन में लोकसभा में 888 जबकि राज्यसभा में 384 सदस्यों की बैठक की व्यवस्था की गई है. दोनों सदनों का संयुक्त सत्र लोकसभा चेंबर में ही होगा. संसद सदस्यों के लिए एक लाउंज, एक पुस्तकालय, कई समिति कक्ष, भोजन क्षेत्र और पर्याप्त पार्किंग स्थान भी होगा।
कितने रुपये में बनकर तैयार हुई नई संसद
नई संसद को बनाने का टेंडर टाटा प्रोजेक्ट को साल 2020 के सितंबर में दिया गया था. इसकी लागत 861 करोड़ रुपये मानी गई थी. फिर बाद में कुछ अतिरिक्त कामों के चलते यह कीमत 1,200 करोड़ रुपये तक पहुंची थी।
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