दिग्विजय का आरोप- प्रदेश सरकार ने पांच साल में बंद कराए 29 हजार से ज्यादा सरकारी स्कूल, सिंधिया पर कसा यह तंज

भोपाल। कांग्रेस के लिए कठिन मानी जानी वाली सीटों का दौरा कर रहे पार्टी के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कहा है कि भाजपा सरकार के कार्यकाल में 5 साल में 29 हजार 281 सरकारी स्कूल बंद हो गए हैं। ऐसे में गरीब बच्चें कहां जाकर पढ़ाई करें। काम न होने का बहाना लेकर कांग्रेस छोड़ने वाले केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पर भी दिग्विजय ने तंज कसते हुए कहा कि अब वे चुप क्यों हैं?
सिंधिया पर इस तरह बोला हमला
ज्योतिरादित्य सिंधिया को निशाने पर लेते हुए दिग्विजय ने पूछा कि आप हमसे नाराज होकर गए थे कि वादे पूरे नहीं हो रहे हैं। आज जब आप भाजपा में चले गए, मंत्री भी बन गए अब आप कर्ज माफी की बातें क्यों नहीं करते? आज आप अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति की बातें क्यों नहीं करते? आपने कहा था मैं सड़कों पर उतर जाऊंगा! उतारिए न सड़कों पर, अब क्यों नहीं उतरते? क्या अतिथि शिक्षकों की भर्ती हो गई? क्या किसानों का कर्जा माफ हो गया? सैकड़ों करोड़ रुपए खर्च करके भाजपा ने सरकार बदली तो फैसला क्या लिया, ऋण माफी बंद कर दी, 1 रुपए प्रति यूनिट बिजली के बिल की योजना बंद कर दी। किसानों का बिल जो आधा हो गया था वह बिल बढ़कर आने लगा। गौशालाओं के लिए जो चारे की रकम 2₹ से बढ़ाकर कमलनाथ जी ने 20₹ कर दी थी वह भी बंद कर दी, यही है भारतीय जनता पार्टी की सरकार की वादा खिलाफी।
यह गरीब और शिक्षा विरोधी निर्णय
पूर्व मुख्यमंत्री सिंह ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए स्थानीय विधायक व स्कूली शिक्षा मंत्री को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में पिछले 5 साल में 29281 स्कूल बंद कर दिए, गरीब बच्चे कहां जाएंगे पढ़ने?, वे जाएंगे प्राइवेट शालाओं में और जहां गरीबों को फीस जमा करना पड़ेगी। क्या यह गरीब विरोधी निर्णय नहीं है? क्या यह शिक्षा विरोधी निर्णय नहीं है? उन्होंने कहा आज बैकलॉग के कम से कम सवा लाख पद खाली हैं, उनकी भर्ती क्यों नहीं की जा रही? मध्यप्रदेश में भ्रष्टाचार पर तंज करते हुए उन्होंने कहा कि मंत्रियों के यहां काम कराने के मैन्यू कार्ड हैं उस हिसाब से पैसा दो और काम करवाओ!
झगड़े खत्म करो और कांग्रेस को जिताओ
पत्रकार वार्ता के बाद पूर्व दिग्विजय शुजालपुर विधानसभा के मंडल सेक्टर अध्यक्षों व कार्यकर्ता बैठक में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि सबसे पहले आपसी मनमुटाव खत्म करो, मतभेद हो सकते हैं लेकिन मनभेद नहीं होना चाहिए, अपने आपसी झगड़े खत्म करो और कांग्रेस को जिताने के लिए एकजुट होकर मजबूती के साथ लड़ाई लड़ो। कार्यकर्ताओं को एकता और सामंजस्य का पाठ पढ़ाने के लिए दिग्विजय ने अपने मित्र रामेश्वर नीखरा के साथ के कई किस्से सुनाते हुए कहा कि नीखरा जी मेरे धुर विरोधी रहे, हमारे खूब मतभेद रहे लेकिन हमारी व्यक्तिगत कभी उनसे लड़ाई नहीं हुई। मेरे मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने मेरी सीधी आलोचना की फिर भी मैं उन्हें सुनता था। आज वे हमारे अच्छे मित्र हैं। यही आप सबको करना है, आपस में समन्वय बनाइए, संवाद जारी रखिए, तब जाकर जीत हासिल होगी।
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