नक्सलियों से निपटने अब डिंडौरी की पुलिस को भी मिलेगी स्पेशल ट्रेनिंग

नक्सलियों से निपटने अब डिंडौरी की पुलिस को भी मिलेगी स्पेशल ट्रेनिंग
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हरिभूमि एक्सक्लूसिव : बालाघाट पुलिस रेंज के आईजी आशुतोष राय से हरिभूमि भोपाल की खास बातचीत। डिंडौरी जिले को नक्सल प्रभावित पाया जाने पर इसे शहडोल रेंज से हटाकर बालाघाट रेंज में शामिल कर दिया है। वर्ष 1999 से शहडोल रेंज में था डिंडौरी जिला। यहां पुलिस और हॉक फोर्स की निगरानी बढ़ेगी।

विनोद त्रिपाठी . भोपाल

छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र के सीमावर्ती क्षेत्रों समेत मध्यप्रदेश के बालाघाट व मंडला के बाद अब डिंडौरी में अपनी धमक बढ़ा रहे नक्सलियों से निपटने के लिए पुलिस बल ने कमर कस ली है। मप्र गृह विभाग ने जहां इस जिले को शहडोल रेंज से हटाकर बालाघाट पुलिस रेंज में शामिल कर दिया है, वहीं अब डिंडौरी में पुलिस बल को स्पेशल ट्रेनिंग देने की कवायद शुरु होने वाली है। ऐसे में नक्सलियों से निपटने की क्या रणनीति रहेगी और डिंडौरी में क्या खास नया होगा, इस पर हरिभूमि भोपाल ने शनिवार की देर शाम बालाघाट रेंज के आईजी आशुतोष राय से विस्तृत बातचीत की। जिसमें आईजी राय ने कई नई जानकारियां दी हैं।

इसलिए शामिल किया है डिंडौरी को :

पिछले 22 वर्ष से, यानी 1999 से शहडोल रेंज में शामिल रहा डिंडौरी जिला अब नक्सलियों को भा गया है। डिंडौरी के जंगलात में नक्सली गतिविधियां बढ़ रही हैं। दरअसल बालाघाट का दूसरा नक्सल प्रभावित जिला मंडला की सीमा डिंडौरी से लगी है। इसलिए नक्सली डिंडौरी में भी पैठ बनाते जा रहे हैं। ऐसे में डिंडौरी को बालाघाट पुलिस रेंज, यानी नक्सल प्रभावित रेंज में शामिल करना मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उचित समझा और इसका नोटिफिकेशन जारी कर दिया।

अब पुलिस बल और संसाधन बढ़ेंगे :

बालाघाट पुलिस रेंज के आईजी आशुतोष राय ने बताया कि डिंडौरी में अब तक जो पुलिस बल है, वह अन्य जिलों की पुलिस की तर्ज पर काम करता है, लेकिन नक्सल प्रभावित जिलों की पुलिस को अलग तरह से तैयार रहना पड़ता है। नक्सलियों से निपटने की ट्रेनिंग हर थाने की पुलिस को और रक्षित केंद्र की पुलिस को भी दी जाती है। क्योंकि नक्सलियों के कारण आमजन के अलावा पुलिस को भी खतरा रहता है। इसीलिए इस क्षेत्र में हॉक फोर्स व केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल भी तैनात किया जाता है। अब डिंडौरी के लिए भी यह व्यवस्था की जाएगी।

पुलिस बल बढ़ेगा, संसाधन बढ़ाएंगे :

आईजी राय ने स्पष्ट किया कि अब डिंडौरी के लिए पुलिस बल भी बढ़ेगा और यहां संसाधन भी बढ़ाए जाएंगे। क्योंकि अब डिंडौरी में हॉक फोर्स व सीआरपीएफ भी तैनात होगी तो उसके ठहरने समेत अन्य आवश्यक व्यवस्थाएं की जाएंगीं। इस सबके लिए पीएचक्यू से पत्राचार किया जाएगा।

6 कंपनी बालाघाट में, 3 मंडला में, तो 2 डिंडौरी में होंगीं :

आईजी राय ने संभावना जताई है कि जिस तरह बालाघाट में 6 कंपनी सीआरपीएफ की हैं, साथ ही 3 कंपनी सीआरपीएफ मंडला जिले में है, उसी प्रकार संभव है कि 2 कंपनी सीआरपीएफ डिंडौरी को भी मिलेगा।

यह भी जानिए आप :

- कान्हा नेशनल पार्क के आसपास नक्सलियों ने अपना नया ठिकाना बना लिया है। ऐसा इनपुट इंटेलीजेंस का था।

- कुछ गांव जो नेशनल पार्क से लगे डिंडौरी जिले की सीमा के करीब हैं, वहां नक्सली अपनी पैठ बना रहे हैं।

- इस वर्ष के जनवरी माह से परसवाड़ा, दोरा और छरेगांव में नए दलम यानी नक्सलियों के नए ग्रुप की धमक देखी जा रही है।

- सूत्रों की मानें तो करीब तीन दर्जन नक्सली कान्हा नेशनल पार्क के आसपास के इलाके में नए ग्रुप के रूप में देखे गए हैं।

- केंद्र सरकार तो नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में डिंडौरी जिले को पहले ही शामिल कर चुकी है। इसलिए प्रदेश सरकार ने पुलिस रेग्युलेशन में संशोधन किया है।

ट्रेनिंग खास होगी :

नक्सलियों से निपटने के लिए पुलिस को जो ट्रेनिंग दी जाएगी वह खास होगी। बालाघाट रेंज के आईजी राय कहते हैं कि यह सब इंतजाम जल्द किए जाएंगे। इसके लिए पीएचक्यू से पत्राचार कर रहे हैं।

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