Diwali 2023 : बाजार में 125 डेसीबल आवाज वाले पटाखों की ही होगी बिक्री

Diwali 2023 : बाजार में 125 डेसीबल आवाज वाले पटाखों की ही होगी बिक्री
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राजधानी के पटाखा बाजारों में 125 डेसीबल (अनार, चकरी समेत सामान्य पटाखे) आवाज वाले पटाखों की ही बिक्री होगी।

भोपाल। राजधानी के पटाखा बाजारों में 125 डेसीबल (अनार, चकरी समेत सामान्य पटाखे) आवाज वाले पटाखों की ही बिक्री होगी। बाजार में इंदौर से काफी लोकल पटाखे आए हैं, जो इससे कहीं ज्यादा आवाज के हैं। इनको लेकर प्रशासन जल्द ही जांच कराएगा। इसके लिए प्रदूषण विभाग और राजस्व की टीमें बनाई जाएंगी।

सुरक्षा संबंधी दिशा निर्देश

यह बात बुधवार को कलेक्टोरेट में कलेक्टर आशीष सिंह ने पटाखा व्यापारियों के साथ बैठक में कही। इस दिवाली शहर में 850 फुटकर पटाखा विक्रेताओं को लाइसेंस जारी किए जाएंगे। दुकानों पर सुरक्षा व्यवस्था के इंतजामों से निपटने के लिए बुधवार को कलेक्टोरेट में कलेक्टर आशीष सिंह, एडीएम हरेंद्र नारायण ने पटाखा व्यापारियों के साथ बैठक की। कलेक्टर के द्वारा सुरक्षा संबंधी दिशा निर्देश को लेकर जानकारी दी गई।

10 से 12 करोड़ के पटाखों की बिक्री का अनुमान

पटाखा एसोसिएशन के अध्यक्ष दौलत राम ने कहा कि फुटकर विक्रेताओं की तरफ से दिए गए ऑर्डर के बाद माल आकर गोदामों रखा गया है। रात-रात भर देखभाल और सुरक्षा करनी पड़ती है। अगर जल्दी लाइसेंस जारी हो जाएं तो ये पटाखे वितरकों को दे दिए जाएं। कलेक्टर ने दो दिन के अंदर सभी लाइसेंस जारी करने के निर्देश दिए हैं। राजधानी में करीब 10 से 12 करोड़ रुपए के पटाखों की बिक्री का अनुमान है।

इतनी दुकानें यहां

1500 केजी- 17, करोंद, मिसरोद, करोंद चौराहा

1500 केजी के गोदाम-18, जमुनिया झीर, सनसिटी गार्डन के पीछे, माधव आश्रम बैरागढ़, वृंदावन गार्डन, मिसरोद रोड

450 केजी - 16, हलालपुर, मिसरोद, कोलार

50 केजी- 850- बिट्टन बाजार-90, दशहरा मैदान न्यू मार्केट-80, गांधी नगर-13, बैरागढ़-97, ग्रामीण क्षेत्र-8, लिली टॉकीज-130, जंबूरी मैदान-250, कोलार दशहरा मैदान 50

पटाखा व्यापारियों के साथ बैठक कर दिशा निर्देश और लाइसेंस रिन्यू के बारे में बताया है। टीमें बनाकर पटाखों और दुकानों पर नियमों का पालन हो रहा है या नहीं इसकी जांच कराई जाएगी।

- आशीष सिंह ,कलेक्टर

सर्दियां बढ़ने के साथ ही डेंगू का खतरा कम होने लगता है। वर्तमान में दिन में गर्मी तो रात में सर्दी का एहसास हो रहा है। ऐसे मौसम में लार्वा पनपने की संभावना अधिक होती है। ऐसे में मच्छर से बचाव करने की आवश्यकता है।

- अखिलेश दुबे ,जिला मलेरिया अधिकारी

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