रेल सफर के दौरान बिगड़ गई तबीयत तो घबरायें नहीं, भोपाल स्टेशन पर रेलवे ने कर दिया है ये खास इंतजाम

भोपाल। ट्रेन में सफर के दौरान किसी यात्री की तबीयत बिगड़ गई है, तो घबराने की जरूरत नहीं है। भोपाल स्टेशन पर रेलवे ने इलाज का खास इंतजाम किया है। गुरुवार को भोपाल स्टेशन पर कुछ ऐसा ही अनाउंसमेंट किया जा रहा था। दरअसल, भोपाल रेल मंडल की ओर से बुधवार को सफर के दौरान बीमार होने वाले यात्रियों के इलाज की सुविधा के लिए एक मिनी अस्पताल शुरू किया है। यात्रियों को जागरूक करने लगातार अनाउंसमेंट किया गया।
ट्रेन के अंदर पहुंचे डॉक्टर किया इलाज
रेलवे कंट्रोल से दिनभर कई यात्रियों की तबीयत खराब होने की सूचना डिप्टी एसएस को दी गई। इस सूचना के बाद (गैलेक्सी मल्टी स्पेशिटी अस्पताल) आपात कॉलीन प्राथमिक चिकित्सा कक्ष के डॉक्टरों ने मरीज का इलाज कर आवश्यक दवा दी। इनमें दो गंभीर केस भी देखने को मिले। पंजाब मेल में सफर कर रहे एक यात्री की तेज बुखार व उल्टी-दस्त हो रहे थे। यात्री को चला भी नहीं जा रहा था। इस पर डॉक्टरों की टीम ट्रेन के अंदर पहुंची,जिन्होंने ट्रेन के हाल्ट के दौरान न सिर्फयात्री का इलाज कर आवश्यक दवा दी। साथ ही सफर के दौरान यात्री के परिजनों से फोन से समय-समय अपडेट लेते रहे। हालाकि इलाज के बाद मरीज को आराम मिल गया। इसी तरह रप्ती सागर में नागपुर के लिए सफर कर रही 42 वर्षीय महिला यात्री की तबीतय बिगड़ गई। जिनका डॉक्टरों की टीम ने इलाज किया। जिससे मरीज को आराम मिल गया। महिला यात्री ने रेलवे की इस सुविधा के लिए रेलवे व डॉक्टरों का धन्यावद दिया। उल्लेखनीय है कि पहले रेल में सफर के दौरान यदि किसी यात्री की तबीयत बिगड़ जाती है तो रेलवे के डाक्टर को फोन करके बुलाना पड़ता है। कई बार समय पर डाक्टर न मिलने की वजह से यात्री का इलाज नहीं हो पाता है। इस समस्या से निपटने के लिए रेलवे की ओर से अब रेलवे स्टेशन पर आपात कॉलीन प्राथमिक चिकित्सा कक्ष शुरू कर डाक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों को चौबीसों घंटे तैनात कर दिया है।
सफर के दौरान तबीयत खराब होने पर यह करें
रेल सुविधा नंबर 139 पर काल करें। यहां से तुरंत मदद मिलेगी। इसके अलावा ट्रेन में सफर कर रहे हैं तो रेलवे के टीटीई को सूचना दें। उन्हें डाक्टर उपलब्ध कराने का आग्रह करें। वह अगले स्टेशन पर डाक्टर उपलबध कराने के लिए कंट्रोल रूम को सूचना देंगे। ट्रेन के पहुंचने तक रेलवे डाक्टर का इंतजाम कराएगा और वह स्टेशन पर इलाज करेंगे। यदि यहां से मदद नहीं मिल पा रही है तो रेलमंत्री, जीएम, डीआरएम को ट्विटर पर लिखें और मदद मांगें। इसके अलावा ट्रेन में गश्त कर रहे आरपीएफ, जीआरपी के जवानों से भी मदद मांग सकते हैं। रेल मंत्रालय व रेल सेवा के ट्विटर हैंडल से भी मदद मिल सकती है।
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