तीन मई से डॉक्टरों की हड़ताल तय, आयुष डॉक्टरों के भरोसे होगें सरकारी अस्पताल

हरिभूमि भोपाल समाचार: सरकारी डॉक्टर (government doctor) और सरकार (government) के बीच चल रही तकरार का असर मरीजों की सेहत पर पड़ेगा। तीन मई से प्रदेशभर के मेडिकल कॉलेज (Medical college) सहित जिला अस्पताल (District Hospital) और अन्य विभागों के करीब 10 हजार डॉक्टर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर (10 thousand doctors on indefinite strike) चले जाएंगे। अस्पतालों में डॉक्टर (doctors) ना होने से हालात बदतर हो जाएंगे। ऐसे में सरकारी अस्पताल आयुष डॉक्टर (Government Hospital Ayush Doctor) के भरोसे होंगे। अगर डॉक्टरों (Doctor) की यह हड़ताल होती है तो इस बार मरीजों को ज्यादा परेशानी झेलनी होगी। हर बार सिर्फ मेडिकल टीचर्स या जूनियर डॉक्टर (Doctor) ही हड़ताल करते थे। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग (Department of Health) के साथ अन्य विभागों के चिकित्सक मेडिकल कॉलेजों (Doctor Medical Colleges) में विकल्प के तौर पर ड्यूटी करते थे। इस बार डॉक्टरों (Doctor) के सभी संगठन एक साथ हड़ताल कर रहे हैं। वहीं शुक्रवार को संविदा चिकित्सक और बांडेड डॉक्टरों ने भी हड़ताल का समर्थन किया है।
10 हजार डॉक्टरों के साथ किया धोखा
महासंघ के मुख्य संयोजक डॉ. राकेश मालवीय ने बताया कि प्रशासनिक अधिकारियों ने डीएसीपी को लेकर जो पिछली निर्णायक बैठक में आमसहमति बनी थी उसे मानने से मना दिया है। अधिकारियों ने 10 हजार शासकीय चिकित्सकों के साथ धोखा कर विडंबना की स्तिथि पैदा कर दी है। मालूम हो कि अपनी मांगों को लेकर महासंघ ने जनवरी माह में प्रदेशव्यापी यात्रा का आयोजन किया था। इसके बाद मुख्यमंत्री शिवराह सिंह चौहान द्वारा उच्च स्तरीय समिति का गठन कर डॉक्टरों की मांगों पर विचार करने कहा था।
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