यात्री खाने की अधिक से अधिक डिमांड,इसको लेकर पेट्रीकार मैनेंजर ने चेनपुलिंग कर कराते थे गाड़ी को लेट

भोपाल। भोपाल से मुंबई की ओर जाने व आने वाली ट्रेनों पिछले एक सप्ताह दिनों से बार-बार प्रेशर ड्रॉप की घटनाएं सामने आ रही है। इसको लेकर आरपीएफ जांच शुरू की दो पाया कुछ लोग जान-बूझकर चैनपुलिंग कर रहे है। इसके बाद आरपीएफ ने प्लानिंग कर कुछ खास ट्रेनों व भोपाल- इटारसी-खंडवा सेक्शन नजर रखी जा रही है। इसके बाद आरपीएफ ने ट्रेन के पैट्रीकार के मैनेजर को रंगे हाथों चैनपुलिंग करते पकड़ा। दरअसल पैट्रीकार मैनेजर ट्रेन में यात्रियों द्वारा खाने की अधिक से अधिक डिमांड करे। इसलिए बड़े स्टेशन आने से पहले ट्रेन चैनपुलिंग कर गाड़ी को लेट कर देते थे।
ऐसे पकड़ में आया मैनेजर
गाड़ी संख्या 15017 काशी एक्सप्रेस में चेन पुलिंग व प्रेशर ड्रॉप की घटना को लेकर रेल सुरक्षा बल आउटपोस्ट बनापुरा के उप निरीक्षक धर्मेंद्र व आरक्षक सविता नंदन पवार को गुप्त रूप से निगरानी तैनात किया गया था। इसमें पाया गया कि इस गाड़ी में खंडवा-बानापुरा के मध्य गाड़ी में चार बार प्रेशर ड्रॉप/ चैन पुलिंग हुई । लेकिन गाड़ी के खड़े होने से पहले प्रेशर आ जाने के कारण चल देती थी। इसके बाद टिमरनी-बानापुरा के मध्य किलोमीटर संख्या 693/28 पर पुन: प्रेशर ड्राप होने पर उपनिरीक्षक द्वारा पैंट्रीकार में चेक करने पर पैंट्रीकार के मैनेजर सूरज सिंह पुत्र राजकुमार सिंह उम्र 27 वर्ष निवासी ग्राम गहरा थाना कबरई जिला महोबा उत्तर प्रदेश के द्वारा पैंट्री कार में लगे एसीपी हैंडल को खींचते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया। पूछने पर उसने बताया कि उसके द्वारा चेन पुलिंग गाड़ी को लेट करने के लिए की जाती है। जिससे गाड़ी निर्धारित समय से पहले इटारसी स्टेशन पर ना पहुंचे, क्योंकि गाड़ी निर्धारित समय से पहले इटारसी स्टेशन पहुंचने पर उसके खाने की बिक्री कम हो जाती है। जिस पर पैंट्रीकार मैनेजर के विरुद्ध आउट पोस्ट बानापुरा पर अपराध क्रमांक 1089 / 23 धारा 141, 145 रेल अधिनियम के तहत मामला पंजीकृत कर कार्रवाई की गई। पूछताछ में उसने स्वीकार किया। उसने बताया कि 11 अप्रैल से इस तरह ट्रेन को लेट कर देते थे। उल्लेखनीय है कि उक्त पैंट्री कार को चेक करने पर अवैध रूप से बिना मेडिकल कार्ड आदि के वेंडिंग करते करीब 6 व्यक्तियों को पकड़ा गया, जिनके विरुद्ध अपराध क्रमांक 1090/23 ,1091/23, 1092/23 ,1093/23,1094/23, 1095/ 23 अंतर्गत धारा 137, 144 रेल अधिनियम के तहत वैधानिक कार्रवाई की गई।
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