ईडी का शिकंजा - बिशप पीसी सिंह पर दर्ज हुआ फेमा एक्ट

भोपाल - चर्च की जमीनों को बेचने और शिक्षण संस्थानों में फर्जीवाड़े के मामले में गिफ्तार हुए बिशप की मुश्किलें बढ़ गई है। ईओडब्ल्यू के बाद अब ईडी (इंफोर्समेंट डायरेक्टोरेट) ने शिंकजा कसा है। बिशप पीसी सिंह के खिलाफ फेमा (फारेंन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट) के तहत मामला दर्ज किया गया है। ईडी ने पूछताछ के दौरान विदेशी करंसी का सोर्स पूछा था लेकिन बिशप से जवाब नहीं दिया था। यही वजह है कि ईडी ने फेमा एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की है।
बिशप पीसी सिंह को ईओडब्ल्यू ने नागपुर एयरपोर्ट से 12 सितंबर को गिरफ्तार किया था। कोर्ट में पेश करने के बाद रिमांड पर भेजा गया था। इस दौरान ईओडब्ल्यू ने जमीने के मामले में पूछताछ की थी। विदेशी करंसी के मामले में बिशप ने चुप्पी साधी थी। जिसके बाद ईओडब्ल्यू की हिरासत में ईडी ने भी पूछताछ लेकिन बिशप ने सोर्स नहीं बताया है। एजेंसी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि प्राइवेट जेट से कई बार पीसी सिंह ने विदेश यात्रा की थी। इसी दौरान बड़ी संख्या में विदेशी करंसी लेकर आया है। हालांकि इस मामले की जांच अब फेमा एक्ट के तहत ईडी करने जा रही है। इसके अलावा पत्नी नोरा सिंह पर भी मामला दर्ज किया जा सकता है। पत्नी को बिशप ने कई संस्थाओं का सदस्य बनाया था और इसी से हर महीने मोटी सैलरी भी मिलती थी।
क्या है फेमा एक्ट
- जानकारों का कहना है कि भारत के बाहर या भारत में रहने वाले किसी भी नागरिक को विदेशी करंसी के लिए रिजर्व बैंक की अनुमति लेनी होती है। यानी कि सरकार को जानकारी देनी होती है। इसके लिए फारेंन एक्सचेंज की सुविधा भी होती है लेकिन इस नियम का उल्लंघन करने पर सजा का प्रावधान है। इसके अलावा धारा 37 ए के तहत संपत्ति जब्त करने की कार्रवाई होती है।
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