फीस वसूली से परेशान पालकों से शिक्षा मंत्री बोले-'मरना है तो मर जाओ, जो करना है करो'

भोपाल। कोरोना महामारी के चलते इन दिनों पूरा देश मुश्किल के दौर से गुजर रहा है। लोगों को रोजगार से हाथ धोना पड़ रहा है तो कुछ लोग को मुफलिसी के दौर से गुजरना पड़ रहा है। पालकों को बच्चों की स्कूल की फीस दे पाना पालकों के लिए मुश्किल हो रहा है। ऐसे में स्कूल फीस कम करवाने की मांग लेकर पालक संघ जब मध्यप्रदेश के शिक्षा मंत्री इन्दर सिंह परमार के पास पहुंचा तो उन्होंने बड़े ही शर्मनाक अंदाज में कहा- 'मरना है तो मर जाओ जो करना है करो।'
पालक संघ के प्रतिनिधि मंगलवार को प्रदेश के शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार के निवास पर फीस वसूली की व्यवस्था पर लगाम लगाने की मांग करने पहुंचे थे। उनका कहना था कि स्कूल लग नहीं रहे हैं, पढ़ाई हो नहीं रही है लेकिन निजी स्कूल वाले लगातार फीस वसूल कर रहे हैं। उन्होंने शिक्षा मंत्री से आग्रह किया कि वे फीस वसूलने की व्यवस्था पर तत्काल प्रभाव से लगाम लगाएं, लेकिन पालक संघ के प्रतिनिधिओं पर मंत्री जी भड़क गए।
पालक संघ के प्रतिनिधियों ने कहा कि महामारी के दौर में उनकी कमर टूट चुकी है और निजी स्कूलों की मनमानी फीस वसूली आधे से भी बेहद परेशान हैं। ऐसी स्थिति में क्या वह मर जाएं, तो मंत्री जी बोले- 'मरना है तो मर जाओ जो करना है करिए' इतना कहकर मंत्री जी अपनी गाड़ी में बैठकर रवाना हो गए। इसके बाद मंत्री जी के असंवेदनशील व्यवहार की चारों ओर निंदा हो रही है और पालक संघ ने मांग की है कि स्कूली शिक्षा मंत्री अपने त्योहार के चलते तत्काल अपने पद से इस्तीफा दें।
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