डॉक्टरों की एक्चुअल संख्या जानने के लिए अब राष्ट्रीय स्तर पर कोशिशें तेज, जानिए क्या कर रही है सरकार

डॉक्टरों की एक्चुअल संख्या जानने के लिए अब राष्ट्रीय स्तर पर कोशिशें तेज, जानिए क्या कर रही है सरकार
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मध्य प्रदेश समेत देशभर में डॉक्टरों की एक्चुअल संख्या जानने के लिये अब राष्ट्रीय स्तर पर कोशिशें तेज हो गयी हैं! मेडिकल एमबीबीएस डॉक्टरों के लिये जहां इंडियन मेडिकल रजिस्टर की जगह नेशनल मेडिकल रजिस्टर की तैयारी है वहीं आयुष डॉक्टरों के लिये भी केंद्रीय आयुष मंत्रालय तैयारी में है! आयुर्वेद सम्मेलन के प्रवक्ता डॉ राकेश पाण्डेय ने बताया कि डॉक्टरों की एक्चुअल संख्या से सक्रियता का पता लगने के साथ सरकार को जनमानस के लिये स्वास्थ्य नीतियां बनाने में मदद मिलेगी!

भोपाल। मध्य प्रदेश समेत देशभर में डॉक्टरों की एक्चुअल संख्या जानने के लिये अब राष्ट्रीय स्तर पर कोशिशें तेज हो गयी हैं! मेडिकल एमबीबीएस डॉक्टरों के लिये जहां इंडियन मेडिकल रजिस्टर की जगह नेशनल मेडिकल रजिस्टर की तैयारी है वहीं आयुष डॉक्टरों के लिये भी केंद्रीय आयुष मंत्रालय तैयारी में है! आयुर्वेद सम्मेलन के प्रवक्ता डॉ राकेश पाण्डेय ने बताया कि डॉक्टरों की एक्चुअल संख्या से सक्रियता का पता लगने के साथ सरकार को जनमानस के लिये स्वास्थ्य नीतियां बनाने में मदद मिलेगी!

तो इनका हो जाएगा रजिस्ट्रेशन रद्द

प्रदेश में जहां 20 हजार से ज्यादा एमबीबीएस डॉक्टर्स हैं वहीं आयुष डॉक्टरों की संख्या 40 हजार पार कर रही है परंतु सिस्टम से रजिस्ट्रेशन का अभाव है! अकेले राजधानी भोपाल में ही 2500 से ज्यादा एमबीबीएस व 4 हजार से ज्यादा आयुष डॉक्टर्स हैं! देशभर में 13 लाख से ज्यादा एमबीबीएस चिकित्सक हैं! विदेशों में रहकर वहीं प्रैक्टिस कर रहे भारतीय डॉक्टरों को अब दोबारा भारत में लायसेंस मिलना मुश्किल होगा! संभव है देश में जो डॉक्टर चिकित्सा कार्य नहीं कर रहे हैं या मेडिकल कॉलेजों में नहीं पढ़ा रहे हैं या डॉक्टरी से संबंधित काम छोड़कर अन्य कर रहे हैं उनका रजिस्ट्रेशन निलंबन या रद्द किया जा सकता है अथवा डॉक्टर्स स्वयं पंजीयन वापस ले सकेंगे! पूरे देशभर में सभी विधा के डॉक्टरों के रजिस्ट्रेशन प्रति 5 वर्षों में नवीनीकरण की अनिवार्यता पर विचार हो रहा है! एनएमसी व एनसीआईएसएम द्वारा सभी पहलुओं पर गहन चिंतन जारी है!

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