मंत्रिमंडल के निर्णय के बाद भी आयुष्मान कार्ड से नहीं हो पा रहा गैस पीड़ितों का इलाज, जानिए क्या है वजह

मंत्रिमंडल के निर्णय के बाद भी आयुष्मान कार्ड से नहीं हो पा रहा गैस पीड़ितों का इलाज, जानिए क्या है वजह
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मध्यप्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में राजधानी के गैस पीडितों का आयुष्मान योजना से मुफ्त इलाज करने का प्रस्ताव पास किया गया है। इस फैसले का स्पष्ट आदेश अब तक जारी न होने से निजी अस्पतालों में गैस पीडित मरीजों को इलाज के लिए परेशान होना पड़ रहा है। कैबिनेट ने सभी गैस पीडितों का सालाना पांच लाख तक का उपचार आयुष्मान योजना से करने का प्रस्ताव पास किया है। कई गैस पीडितों के आयुष्मान कार्ड भी नहीं है, इससे उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। खासतौर पर हार्ट पेशेंट्स, कैंसर के मरीजों का इलाज करने में निजी अस्पताल आनाकानी कर रहे हैं।

भोपाल। मध्यप्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में राजधानी के गैस पीडितों का आयुष्मान योजना से मुफ्त इलाज करने का प्रस्ताव पास किया गया है। इस फैसले का स्पष्ट आदेश अब तक जारी न होने से निजी अस्पतालों में गैस पीडित मरीजों को इलाज के लिए परेशान होना पड़ रहा है। कैबिनेट ने सभी गैस पीडितों का सालाना पांच लाख तक का उपचार आयुष्मान योजना से करने का प्रस्ताव पास किया है। कई गैस पीडितों के आयुष्मान कार्ड भी नहीं है, इससे उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। खासतौर पर हार्ट पेशेंट्स, कैंसर के मरीजों का इलाज करने में निजी अस्पताल आनाकानी कर रहे हैं।

केस एक

ओल्ड सिटी काजीपुरा निवासी आदीश जैन गैस पीडित हैं बीते 14 जनवरी को उनका विदिशा के नजदीक एक्सीडेंट हो गया था। विदिशा से रेफर करने पर परिजनों ने भोपाल के निजी अस्पताल में भर्ती किया। आदीश का आयुष्मान कार्ड न होने के कारण परिजन इलाज के लिए परेशान हैं। उनके इलाज का बिल करीब 3.70 लाख तक पहुंच गया है। आदीश के बेटे ने जैसे-तैसे थोडा बिल चुकता किया है लेकिन गैस पीडित होने के बावजूद आयुष्मान कार्ड न होने से उनके पिता के इलाज में मदद नहीं मिल पा रही है। आदीश पहले से हार्ट पेशेंट हैं गैस पीडित का कार्ड होने से उनका बीएमएचआरसी में इलाज चलता है। लेकिन अब मदद नहीं मिल पा रही है।

केस दो

कोलार रोड निवासी जितेन्द्र कुमार के पिताजी कैंसर से पीडित हैं। गैस पीडित के कार्ड से उनका इलाज चलता है। जितेन्द्र बताते हैं कि कुछ महीने पहले उनसे आयुष्मान कार्ड बनवाने को कहा गया जब समग्र आईडी से चेक कराया तो मालूम हुआ कि पिताजी और हमारा परिवार आयुष्मान की पात्रता में नहीं आता। अब ऐसे में हमारे सामने इलाज के लिए आर्थिक संकट पैदा हो गया है।

एक परिवार को सालाना पांच लाख की ही लिमिट

गैस पीडित संगठनों का कहना है कि सरकार को निर्णय लेने से पहले पूरी तैयारी कर लेनी चाहिए। गैस पीडितों के इलाज के लिए अब तक कोई लिमिट नहीं थी लेकिन अब आयुष्मान योजना में एक परिवार को सालाना पांच लाख की मदद मिलेगी। यह पांच लाख तो एक कैंसर पीडित के इलाज में पांच- छह महीने में ही खर्च हो जाएंगे।

फिर भी नहीं हो पा रहा इलाज

गंभीर बीमारियों से पीडित गैस पीडितों के इलाज के इस्टीमेट की नोटशीट पर गैस राहत विभाग द्वारा यह लिखकर दिया जा रहा है कि 18 जनवरी 2022 को कैबिनेट में पारित हुए प्रस्ताव के अनुसार गैस पीडितों का पांच लाख तक का इलाज आयुष्मान योजना से किया जाएगा। लेकिन गैस पीडितों का इलाज करने को लेकर अस्पतालों के पास कोई स्पष्ट आदेश न पहुंचने से इलाज नहीं हो पा रहा है।

इनका कहना है-

गैस राहत विभाग के डायरेक्टर केके दुबे से जब इस संबंध में पूछा गया कि गैस पीडितों को आयुष्मान से इलाज नहीं मिल पा रहा है। तो उन्होंने जवाब दिया कि वह कल इस विषय में बता पाएंगे।

28 जनवरी को आयुष्मान की ईसी बैठक में होगी चर्चा

आयुष्मान भारत निरामयम मप्र के सीईओ अनुराग चौधरी का कहना है कि गैस पीडितों के कार्ड बनाने और इलाज को लेकर 28 जनवरी को ईसी की बैठक में इन सभी मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।

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