एक्सपर्टस ने कहा- मोबाइल का उपयोग सिर्फ कॉल करने के लिए करें

मोबाइल का उपयोग सिर्फ फोन करने के लिए करें, वैश्वीकरण से महिलाओं की स्थिति में सुधार हो रहा है। प्रशासनिक कार्यों में संवेदनशीलता से कार्यक्षमता बढ़ती है। उक्त उदगार विषय-विशेषज्ञों ने बाबूलाल गौर शा. पीजी कॉलेज भेल में व्यक्त किए। मप्र उच्चशिक्षा गुणवत्ता उन्नयन परियोजना एवं आईक्यूएसी के तत्वाधान में राष्ट्रीय सेवा योजना द्वारा संवेदीकरण पर आयोजित एक दिवसीय सेमीनार में आईटी कंसलटेंट हेमराज चौहान ने साईबर क्राइम से सुरक्षा की संवेदनशीलता को समझाया।
उन्होंने कहा कि मोबाइल का उपयोग सिर्फ फोन करने के लिए करना चाहिए। फोटोग्राफी के लिए न करें, मोबाईल से लिए फोटो सार्वजनिक मान लेना चाहिए। गोपनीय और मुफ्त जैसे शब्दों का मोबाइल में कोई महत्व नही होता। भीम या किसी बैंक के अधिकृत एप से पेमेंट करने पर हुई ठगी का पैसा वापस मिलने की संभावना अधिक होती है। चायनीज मोबाइल का उपयोग नहीं करना चाहिए। यह अधिक डेटा चुराते हैं।
वैदिक काल में महिलाओं की स्थिति अच्छी थी:
सेम ग्लोबल यूनिवर्सिटी के डीन डा. मनीष मिश्रा ने लैंगिक संवेदनशीलता पर विचार व्यक्त करते हुए बताया कि वैदिक काल में महिलाओं की स्थिति अच्छी थी, लेकिन मुगलकाल में दयनीय हो गई थी। वैश्वीकरण के विकास के साथ महिलाओं की स्थिति में सुधार हो रहा है। उच्चशिक्षा के सेवानिवृत अतिरिक्त संचालक डाण् यूसी जैन ने प्रशासकीय कार्यों में बरती जाने वाली संवेदनशीलता को व्यवहार में आए उदाहरणों के माध्यम से समझाया। प्रारंभ में विषय-विशेषज्ञों का पुष्पगुच्छों से स्वागत किया गया।
रासेयो की सुश्री श्रेया दास और पीयूष सक्सेना ने सेमीनार का संचालन किया। सेमीनार संयोजक एवं रासेयो कार्यक्रम अधिकारी डाण् गीता चौहान ने सभी का आभार माना। इस अवसर पर 150 से अधिक छात्र छात्राओं ने सहभागिता कर विषय विशेषज्ञों से अपनी जिज्ञासाओं का पूरी संवेदनशीलता से समाधान पाया।
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