विशेषज्ञ बताएंगे बीआरटीएस उपयोगी है या हटाया जाए, नगर निगम परिषद ने कमिश्नर को सौंपा पत्र

भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी में 24 किलोमीटर लंबा बीआरटीएस घटकर 12 किलोमीट रह गया। वहीं 4 किलोमीटर लंबी बीआरटीएस की रेलिंग टूट चुकी या उसका बड़ा हिस्सा चोरी चला गया। इसकी कितनी उपयोगिता है या अब इसे हटा देना चाहिए, को लेकर भोपाल नगर निगम परिषद ने कमिश्नर को पत्र लिखकर कहा है कि इस संबंध में विशेषज्ञों की राय जानकर एक माह के अंदर रिपोर्ट परिषद में रखें।
बिना शोध के निर्णय ठीक नहीं
नगर निगम परिषद के अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी के अनुसार यह सच है कि भोपाल के करीब 70 फीसदी लोग अब बीआरटीएस को पसंद नहीं कर रहे हैं, लेकिन इस पर बिना किसी शोध के निर्णय नहीं लिया जा सकता है। इसलिए जरूरी है कि इस संबंध में ट्रैफिक विशेषज्ञों के विचार जानकर ही कोई निर्णय लिया जाए। वैसे समय-समय पर ट्रैफिक के कई विशेषज्ञ अपनी राय में बीआरटीएस को अनुपयोगी बता चुके हैं। इनमें विशेष रूप से मैनिट के प्रोफेसर, ट्रैफिक पुलिस के अधिकारी कई पूर्व प्रशासनिक अधिकारियों के भी यही विचार रहे हैं। इसलिए कमिश्नर को बीआरटीएस की उपयोगिता के बारे में पता लगाने को कहा है। उम्मीद है कि अगले माह कमिश्नर रिपोर्ट सौंप देंगे और उसके बाद कैसे हटाया जाए के बारे में रिपोर्ट तैयार होगी।
परिषद की बैठक में उठा मुद्दा
नगर निगम परिषद भोपाल की मंगलवार को हुई बजट बैठक में बीआरटीएस को हटाने का मुद्दा उठा था। इसमें पार्षद पप्पू विलास राव घाड़गे ने कहा था कि बीआरटीएस कॉरीडोर खाली रहता है और साइड की सड़कों पर ट्रैफिक जाम रहता है। इसलिए बीआरटीएस की अब उपयोगित नहीं रही। क्योंकि आधे से ज्यादा कॉरीडोर फ्लाई ओवर, मेट्रो और अन्य कारणों से हट चुका है। पार्षद पप्पू विलास राव घाड़गे के इस प्रस्ताव को परिषद ने विचार के लिए मंजूर किया और कमिश्नर को इस पर शोध करने के लिए पत्र सौंपा।
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